Bihar Election 2025: बिहार के पावर स्टार पवन सिंह ने आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर पहुचे. उन्होंने अमित शाह से मुलाकात की. वे इस बार आरा से बिहार विधानसभा चुनाव लड़ सकते है. वे पूरे बिहार में प्रचार करेंगे. इससे पहले उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात किया. बिहार प्रभारी विनोद तावड़े ने कहा कि पवन सिंह भाजपा में थे हैं और रहेंगे. वे आगामी बिहार चुनाव में भाजपा और एनडीए के लिए प्रचार भी करेंगे.
सूत्रों के अनुसार उपेंद्र कुशवाहा ने पवन सिंह के प्रति अपनी नाराजगी दूर कर ली है. दोनों नेता मगध और शाहाबाद क्षेत्र में एनडीए (NDA) को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करेगा. लोकसभा चुनाव में शाहाबाद क्षेत्र में एनडीए का खराब प्रदर्शन काफी हद तक पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के समर्थकों के बीच तनाव के कारण हुआ था. क्या मुद्दे को उठाने से इस बार विधानसभा चुनाव में एनडीए को फायदा हो सकता है?
पवन सिंह BJP के लिए क्यों जरूरी?
बिहार में बड़ी संख्या में फॉलोइंग के साथ पवन सिंह का चुनावी प्रभाव जाति और स्टारडम के बीच संतुलन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. पूर्व भाजपा नेता सिंह को पिछले साल पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. उन्हें और उपेंद्र कुशवाहा को साथ लाना एक मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है.
क्या भाजपा से लड़ेगे चुनाव?
पवन सिंह को बिहार चुनाव में जाति-आधारित वोट बैंक के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. कराकट लोकसभा के शाहाबाद में जातिगत समीकरण एक अहम कारक है. 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए को 22 में से केवल 2 सीट पर जीत मिली थी. विशेषज्ञों का मानना है कि पवन सिंह की बगावत ने आरा, काराकाट, औरंगाबाद और बक्सर लोकसभा सीटों पर भाजपा की हार में योगदान दिया था.
निर्दलीय लड़े थे चुनाव
एक भाजपा सदस्य और लोकप्रिय भोजपुरी गायक को पश्चिम बंगाल के आसनसोल से 2024 का चुनाव लड़ने के लिए चुना गया था. बाद में पार्टी ने उन्हें नाम वापस लेने के लिए कहा था. जब पार्टी ने उन्हें बिहार से चुनाव लड़ाने से इन्कार कर दिया था. तो पवन सिंह ने काराकाट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और हार का सामने करना पड़ा