Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Elections 2025) में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस (Congress) की अगुवाई वाले महागठबंधन को करारी हार मिली. RJD को सिर्फ 25 सीटें मिलीं तो कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन पिछली बार की तुलना में और भी खराब रहा. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में 61 सीटों पर प्रत्याशी उतारने वाली कांग्रेस ने महज 6 सीटों पर जीत हासिल कर पाई. कांग्रेस का बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में वोट शेयर 8.71 प्रतिशत रहा है. इसका असर कांग्रेस के प्रदर्शन पर भी पड़ा है. इस बीच बिहार कांग्रेस अध्यक्ष ने इशारा किया है कि पार्टी बिहार में अपना सांगठनिक विस्तार भी करेगी.
कांग्रेस-RJD में मतभेद!
बिहार में हार के बाद से ही कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के बीच मतभेद की खबरें सामने आईं थीं. बैठक में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने नेताओं से कहा था कि संगठन का विस्तार किया जाएगा. ऐसे में प्रदेश में विस्तार से सहयोगी दल राष्ट्रीय जनता दल नहीं रोक सकता.
15 जिलाध्यक्षों का नोटिस जारी
मिली जानकारी के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद अब कांग्रेस एक्शन मोड आ गई है. पिछले दिनों नई दिल्ली में हुई समीक्षा बैठक के बाद बिहार की राजधानी पटना में भी कांग्रेस नेताओं की अहम बैठक बुलाई गई थी. इसमें विधानसभा चुनाव में मिली हार के कारणों को लेकर चर्चा प्रस्तावित थी. बावजूद इस बैठक में बिहार कांग्रेस के 15 जिलाध्यक्ष नदारद रहे. इसके बाद नाराज कांग्रेस आलाकमान ने समीक्षा बैठक से गायब रहने वाले 15 जिलाध्यक्षों को नोटिस जारी किया है. इन सभी से अनुपस्थित रहने की वजह बताने के लिए कहा गया है.
1 दिसंबर को आयोजित हुई थी बैठक
यह समीक्षा बैठक 1 दिसंबर, 2025 को आयोजित की गई थी. इस अहम बैठक में बिहार कांग्रेस कार्यसमिति के अध्यक्ष राजेश राम के अलावा प्रभारी कृष्णा अल्लावरु के साथ वरिष्ठ नेता शकील अहमद खान से भी प्रतिक्रिया ली गई. इस दौरान 15 जिलाध्यक्षों के अनुपस्थिति चर्चा में आ गई. कहा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान भी इन सभी से बहुत नाराज है. इसके बाद इन सभी को नोटिस जारी किया गया है.
40 से अधिक नेताओं को पहले ही दिया जा चुका है नोटिस
यहां पर बता दें कि विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी कांग्रेस में गुटबाजी का मामला सामने आया था. इसके बाद कांग्रेस ने 43 नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर नोटिस देकर जवाब मांगा था. इनमें बंटी चौधरी, गजानंद शाही, पूर्व विधायक छत्रपति यादव और आनंद माधव जैसे बड़े और दिग्गज नेता शामिल हैं.