Bihar News: 2025 के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद बिहार कांग्रेस ने पार्टी के खिलाफ काम करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है. पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए सात नेताओं को छह साल के लिए निकाल दिया गया है और उनकी प्राइमरी मेंबरशिप रद्द कर दी गई है.
बताया जा रहा है कि राज्य कांग्रेस डिसिप्लिनरी कमेटी ने यह कार्रवाई कांग्रेस पार्टी के मुख्य सिद्धांतों, अनुशासन और संगठनात्मक मर्यादा के प्रति कथित रूप से ढीला रवैया दिखाने और पार्टी प्लेटफॉर्म के बाहर बार-बार अनचाहे और गुमराह करने वाले बयान देने के लिए की है. डिसिप्लिनरी कमेटी के चेयरमैन कपिलदेव प्रसाद यादव ने यह आदेश जारी किया है.
क्यों किया बाहर?
उन्होंने कहा कि कमेटी को संबंधित नेताओं से मिले स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं लगे. उनके काम साफ तौर पर पार्टी अनुशासन तोड़ने के पांच में से तीन मानदंडों के तहत आते है. कमेटी ने कहा कि नेताओं ने पार्टी प्लेटफॉर्म के बाहर लगातार कांग्रेस के कार्यक्रमों और फैसलों के खिलाफ बयान दिए गये है. जानबूझकर सक्षम अधिकारियों के निर्देशों की अनदेखी की और प्रिंट और सोशल मीडिया में टिकट खरीदने जैसे बेबुनियाद और गुमराह करने वाले आरोप लगाकर पार्टी की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचाया है.
इन सात नेताओं को दिखाया गया पार्टी से बाहर का रास्ता
- आदित्य पासवान- पूर्व उपाध्यक्ष, कांग्रेस सेवा दल
- शकीलुर रहमान- पूर्व उपाध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस
- राज कुमार शर्मा- पूर्व अध्यक्ष, किसान कांग्रेस
- राज कुमार राजन- पूर्व अध्यक्ष, प्रदेश युवा कांग्रेस
- कुंदन गुप्ता- पूर्व अध्यक्ष, अति पिछड़ा विभाग
- कंचना कुमारी- अध्यक्ष, बांका जिला कांग्रेस कमेटी
- रवि गोल्डेन- नालंदा जिला
ध्यान दें कि पार्टी ने 43 नेताओं को नोटिस भेजे थे. उनसे 21 नवंबर को दोपहर 12 बजे तक कमेटी को लिखकर जवाब देने को कहा गया था. इसके बाद पार्टी ऑफिस पर विरोध प्रदर्शन किया गया. अब पार्टी ने सात नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की है.
दूसरी तरफ अभी 21 तारीख (21 नवंबर, 2025) को ही बिहार महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरवत जहां ने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब किसी महिला अध्यक्ष को टिकट नहीं दिया गया. इस तरह विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी में अफरा-तफरी मची हुई है.