Delhi Car Blast Update: दिल्ली कार ब्लास्ट (Delhi Car Blast) केस में एक नया मोड़ आ गया है. जैसे-जैसे जांच एजेंसियां जांच आगे बढ़ा रही हैं, हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. जांच एजेंसियों को लाल किला धमाके (Red Fort Blast) में एक बड़ा सुराग मिला है. जांच एजेंसियों के मुताबिक इस धमाके का मास्टरमाइंड आतंकी डॉ. उमर (DR.Umar) साल 2022 में तुर्किए गया हुआ था. यहां उसने एक सीरियाई आतंकी से भी मुलाकात की थी. उसके साथ डॉ. मुजम्मिल शकील गनई और डॉ. मुजफ्फर रैदर भी इस मीटिंग में मौजूद थे. इन लोगों के यह मुलाकात पाकिस्तानी हैंडलर उकाशा के आदेश पर हुई थी.
साल 2022 में तुर्किए गए थे तीनों आतंकी
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, तीनों आतंकवादी करीब 20 दिनों के लिए तुर्किए में रुके. वह तीनों पाकिस्तानी मास्टरमाइंड उकाशा से मिलना चाहते थे. उकाशा पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बॉर्डर पर रहता है. हालांकि तीनों की मुलाकात उनसे नहीं हो पाई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉ. मुजफ्फर यूएई से होते हुए अफगानिस्तान गया था और वहां जाकर अल-कायदा में शामिल हो गया.
अल-फलाह यूनिवर्सिटी से तैयार हुआ टेरर मॉड्यूल!
उकाशा ने डॉ. उमर को भारत लौटकर जैश-ए-मोहम्मद के इस प्लान को अजाम देने के बात कही. इसी के बाद उमर ने वापस आकर अल-फलाह यूनिवर्सिटी ज्वाइन की. यहां से उन्होंने एक आतंकी मॉड्यूल तैयार किया. इसका मकसद केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश पर हमला करना था.
पूरे देश में करना चाहते थे हमला
NIA के मुताबिक, तीन डॉक्टर और मौलवी मुफ्ती इरफान अहमद वागे तीनों दिल्ली ब्लास्ट में सबसे अहम भूमिका अदा कर रहे थे. उन्होंने देशभर में हमला करने की साजिश की हुई थी. NIA ने प्लंबर अमीर राशिद अली और जसीर बिलाल वानी को पहले ही पकड़ लिया था. अमीर ने ही दिल्ली ब्लास्ट वाली कार खरीदने में उमर की मदद की थी. इसके साथ ही जसीर पर तकनीकी मदद देने का गंभीर आरोप है. जांच के मुताबिक, . उमर ब्लास्ट में इस्तेमाल कार खरीदने से एक हफ्ते पहले पम्पोर भी गया था. वह वहां पैसों का इंतजाम करने गया था. फिर उसने वापस आकर अमीर के नाम पर कार खरीदी. इन सभी आरोपियों को पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हिरासत में लिया था.