Delhi-Dehradun Expressway: दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे दिल्ली के नेशनल कैपिटल टेरिटरी (NCT) में, खासकर खजूरी खास और उसके आस-पास के इलाकों में ट्रैफिक जाम को कम करेगा, और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे सहित दूसरे मुख्य रास्तों पर बोझ कम करेगा. इस 210 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 दिसंबर, 2021 को रखी थी.जो अब पूरा हो गया है, और पिछले रविवार आधी रात को इसे ट्रायल के तौर पर ट्रैफिक के लिए खोल दिया गया. इससे पहले, एक्सप्रेसवे पर गीता कॉलोनी के पास लगे बैरिकेड्स हटा दिए गए थे. ट्रायल रन पूरा होने के बाद, इसे पूरी तरह से आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा.
इस एक्सप्रेसवे के खुलने से अब दिल्ली और देहरादून के बीच की दूरी बहुत तेज़ी से और काफी कम समय में तय की जा सकेगी. पहले दिल्ली से देहरादून जाने में 6 घंटे लगते थे, लेकिन अब यह सफर सिर्फ ढाई घंटे में पूरा होगा.
ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत
अधिकारियों के अनुसार, यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के नेशनल कैपिटल टेरिटरी (NCT) में, खासकर खजूरी खास और उसके आस-पास के इलाकों में ट्रैफिक जाम को कम करेगा, और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे सहित दूसरे मुख्य रास्तों पर बोझ कम करेगा. हाईवे के पूरी तरह चालू होने से यात्रा का समय आधा हो जाएगा, जिससे यात्रियों को काफी राहत मिलेगी और उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी.
दिल्ली से देहरादून मात्र 2.5 घंटे में
यह अत्याधुनिक एक्सप्रेसवे दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर मेट्रो स्टेशन के पास से शुरू होता है, जहां यह दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से जुड़ता है, और उत्तर प्रदेश में बागपत, बड़ौत, मुजफ्फरनगर, शामली और सहारनपुर से होते हुए उत्तराखंड की राजधानी देहरादून पहुंचता है. यह एक्सप्रेसवे गीता कॉलोनी से एक एलिवेटेड कॉरिडोर के रूप में शुरू होता है, जिससे दिल्ली में वाहनों को ट्रैफिक जाम से राहत मिलती है. ₹11,800 करोड़ की लागत से बने इस हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे से यात्रा का समय मौजूदा 6.5 घंटे से घटकर सिर्फ 2.5 घंटे रह जाएगा. अधिकतम स्पीड लिमिट 100 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है. इस प्रोजेक्ट में हरिद्वार के लिए एक अलग रास्ता भी शामिल है, जो चार धाम हाईवे से जुड़ेगा, जिससे उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हिल स्टेशनों और धार्मिक स्थलों तक पहुंच और बेहतर होगी.
एशिया का सबसे लंबा एलिवेटेड वाइल्डलाइफ कॉरिडोर
पर्यावरण की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, इस प्रोजेक्ट में राजाजी नेशनल पार्क के अंदर 12 किलोमीटर लंबा एशिया का सबसे लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर शामिल है. इससे वन्यजीव बिना किसी खतरे के नीचे से आजादी से घूम सकेंगे और तेज रफ्तार गाड़ियों से सुरक्षित रहेंगे.