Delhi Teachers Stray Dogs Counting: दिल्ली में सत्तासीन भारती जनता पार्टी सरकार के एक आदेश के बाद कहा गया है कि सरकारी शिक्षकों की कुत्ता की गणना के लिए ड्यूटी लगाई जाए. यह आदेश दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय (DoE) ने दिया है. इसमें कहा गया है कि सभी जिला शिक्षा अधिकारी कुत्तों की गणना अभियान के लिए शैक्षणिक संस्थानों से नोडल अधिकारी नियुक्त करें. इसके बाद राजनीतिक हलकों में भी हड़कंप मच गया. शिक्षक भी परेशान हैं. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने SC के निर्देशानुसार, आवारा कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करना अनिवार्य है. यह आदेश कई महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिया था. अब दिल्ली के उत्तर-पश्चिम में करीब 118 सरकारी शिक्षकों को इस आवारा कुत्तों की गणना अभियान में शामिल किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दिया गया है हवाला
उधर, लोगों ने इस आदेश पर सोशल मीडिया पर कटाक्ष भी करना शुरू कर दिया है. सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे हैं- क्या जमाना आ गया है. दिल्ली के सरकारी और निजी स्कूलों के शिक्षक अब कक्षाओं में पढ़ाने के साथ-साथ सड़क पर आवारा कुत्तों की गिनती करते नजर आएंगे. दिल्ली शिक्षा निदेशालय की ओर से कहा गया है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 7 नंवबर 2025 को दिए गए निर्देशों के पालन के लिए की जा रही है. सुप्रीम कोर्ट पहले ही अपने आदेश में कहा जा चुका कि शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और सार्वजनिक स्थलों से आवारा कुत्तों को हटाकर उन्हें निर्धारित आश्रय स्थलों (shelters) में भेजा जाए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत स्थानांतरण से पहले इन कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण सुनिश्चित करना भी अनिवार्य है.
फैसले से शिक्षक नाराज
उधर, शिक्षा निदेशालय के इस आदेश के बाद शिक्षक संगठनों में सरकार के खिलाफ गुस्सा है. सरकारी स्कूल शिक्षक संघ (GSTA) का कहना है कि कुत्तों की गिनती करना शिक्षकों के पेशे की गरिमा के खिलाफ है. GSTA में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार कृष्णा फोगाट का कहना है कि यह आदेश पूरी तरह गलत है. अगर शिक्षक आवारा कुत्तों की गिनती करेंगे तो बच्चों की पढ़ाई का ध्यान कौन रखेगा?