दिल्ली- NCR की सबसे बड़ी डील
क्या है बंगले का इतिहास और विरासत?
यह बंगला साल 1930 में बनाया गया था। इसकी कहानी राजस्थान की शाही रियासत से जुड़ी हुई है. पहले यह बंगला अलवर के शाही परिवार की संपत्ति था. इसके मालिक रहे महाराज कुमार यशवंत सिंह, जो अलवर के महाराजा के पुत्र हैं. शाही ठाठ-बाट से जुड़ा यह घर दशकों से दिल्ली की एलीट पहचान का हिस्सा रहा है. दिलचस्प बात यह है कि यशवंत सिंह ने इसी साल दिल्ली के गोल्फ लिंक्स इलाके में 100 करोड़ रुपये का एक और शानदार बंगला खरीदा था.
लोकेशन की अहमियत
बंगले की खासियत
यह आलीशान बंगला लगभग 3,540 स्क्वायर यार्ड में फैला हुआ है. इसकी आर्किटेक्चर शैली, विशाल आंगन और हरियाली इसे बाकी प्रॉपर्टीज़ से अलग पहचान देते हैं. लगभग एक सदी पुराना होने के बावजूद इसका महत्व और वैल्यू समय के साथ बढ़ती ही गई है.