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Delhi- NCR AQI: दिल्ली- NCR की हवा एक बार फिर ज़हर से भर गई है. जैसे-जैसे सर्दियों की दस्तक हो रही है, वैसे-वैसे राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है. रविवार को दिल्ली-NCR की हवा इतनी खराब हो गई कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 366 तक पहुंच गया जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है. इसका असर सबसे ज़्यादा बच्चों, बुजुर्गों और फेफड़ों के रोगियों पर पड़ रहा है.
हवा में आखिर इतना ज़हर क्यों?
दिल्ली की खराब हवा का सबसे बड़ा कारण है PM2.5 और PM10 कणों की बढ़ती मात्रा. ये सूक्ष्म कण इतने छोटे होते हैं कि सीधे फेफड़ों के अंदर पहुंचकर सांस की बीमारियों को बढ़ा देते हैं. PM2.5 का स्तर रविवार को 189.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज हुआ. PM10 316 पर पहुंच गया, जो सामान्य सीमा से कई गुना अधिक है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, शनिवार को दिल्ली का AQI 303 था, जो रविवार को उछलकर 366 हो गया. इसका मुख्य कारण कमजोर हवाएं हैं. हवा की गति 8 किलोमीटर प्रति घंटे से भी नीचे थी, जिससे प्रदूषक कण वातावरण में फंस गए और फैल नहीं पाए.
मौसम ने क्यों बिगाड़ी स्थिति?
मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 30.7°C और न्यूनतम 16.8°C दर्ज किया गया, जबकि नमी 75% रही. धीमी हवा, अधिक नमी और ठंडी सुबहों का यह मिश्रण प्रदूषण को ऊपर जाने से रोकता है. इस वजह से स्मॉग (धुआं + कोहरा) नीचे ही जमा रहता है और लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है.
NCR के शहरों की भी वही कहानी
दिल्ली के अलावा NCR के कई शहरों में भी हवा की हालत बेहद खराब रही —
- गाजियाबाद: 351 (बहुत खराब)
- गुरुग्राम: 357 (बहुत खराब)
- नोएडा: 348 (बहुत खराब)
- ग्रेटर नोएडा: 340 (बहुत खराब)
- फरीदाबाद: 215 (खराब)
- धरूहेड़ा (हरियाणा): 434 (गंभीर)
दिल्ली में वाजिरपुर का स्टेशन सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, जहां AQI 413 पहुंच गया — जो “गंभीर” श्रेणी में आता है.
सेहत पर पड़ रहा है गहरा असर
विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक ऐसी हवा में रहने से अस्थमा, एलर्जी, ब्रॉन्काइटिस, हृदय रोग और आंखों में जलन जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ सकती हैं. डॉक्टरों का कहना है कि सुबह या शाम के समय बाहर टहलने से बचें, क्योंकि उस वक्त स्मॉग की परत ज़मीन के पास होती है.
क्या नियम और रोकथाम काफी हैं?
1 नवंबर से दिल्ली सरकार ने BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई है. साथ ही निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध और पानी के छिड़काव जैसे उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की गुणवत्ता में सुधार अभी कुछ दिन दूर है. एयर क्वालिटी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम (AQEWS) का अनुमान है कि 4 नवंबर तक प्रदूषण का स्तर “बहुत खराब” बना रहेगा.