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Diwali से पहले Delhi-NCR की हवा हुई जहरीली, AQI पहुंचा ‘खराब’ श्रेणी में

Delhi Weather Update: दिवाली से पहले Delhi- NCR की हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है और AQI लेवल भी खराब श्रेणी में पहुंच गया है.

Written By: shristi S
Last Updated: 2025-10-19 09:08:58

Delhi Pollution News: कल पूरे देश में दिवाली मनाई जाएंगी और दिल्ली- NCR की हवा एक बार फिर जहरीली होती जा रही है. ठंड की आहट के साथ प्रदूषण के स्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे राजधानी और आसपास के इलाकों में सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है. हवा में घुलता ज़हर न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर डाल सकता है.

दिल्ली की हवा ‘खराब’ श्रेणी में पहुंची

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शनिवार शाम 4 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 268 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है. यह लगातार पांचवां दिन है जब प्रदूषण का स्तर उच्च बना हुआ है. मौसम में ठंडक बढ़ने के साथ ही प्रदूषक कण नीचे जमने लगते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता तेजी से गिर जाती है.

NCR में भी हालात गंभीर

राजधानी के आसपास के शहरों में स्थिति और भी चिंताजनक है—

गाजियाबाद: AQI 324 (बहुत खराब श्रेणी)
नोएडा: AQI 298 (खराब श्रेणी के करीब)
गुरुग्राम: AQI 258 (खराब श्रेणी)
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण के पीछे मुख्य कारण पराली जलाना, वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्य से उड़ती धूल और ठंडक के कारण प्रदूषक कणों का वातावरण में फंस जाना है.

सर्दी की दस्तक और स्मॉग का खतरा

मौसम विभाग के मुताबिक, 19 से 21 अक्टूबर तक दिल्ली-NCR में आसमान साफ रहने की संभावना है। हालांकि, सुबह के समय हल्की धुंध या कुहासा छाने की चेतावनी जारी की गई है. तापमान में गिरावट जारी रहेगी, जिससे सुबह और रात के समय ठंड बढ़ेगी. ठंड और प्रदूषण का यह मेल स्मॉग (धुआं + कोहरा) का रूप ले सकता है, जिससे वायु गुणवत्ता और भी खराब हो सकती है.

स्वास्थ्य पर खतरा और सतर्कता के उपाय

वायु प्रदूषण का असर सबसे ज्यादा बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों पर होता है. AQI के इस स्तर पर खांसी, सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनने और सुबह-सुबह की वॉक या व्यायाम से बचने की सलाह दी है.

प्रदूषण नियंत्रण के लिए जरूरी कदम

वाहनों का उपयोग कम करें और पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग बढ़ाएं.
पराली जलाने पर सख्त रोक सुनिश्चित की जाए.
निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के उपाय किए जाएं.
लोगों को घरों में एयर प्यूरिफायर और पौधों का उपयोग बढ़ाने की सलाह दी गई है.

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