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फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी को बड़ा झटका! अल्पसंख्यक दर्जा पर NCMEI ने भेजा नोटिस

Red Fort Blast: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग (एनसीएमईआई) ने अल-फ़लाह विश्वविद्यालय को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. जिसमें पूछा गया है कि उसका अल्पसंख्यक दर्जा क्यों न रद्द कर दिया जाए.

Written By: Mohammad Nematullah
Last Updated: November 24, 2025 12:50:00 IST

Red Fort Blast: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग (एनसीएमईआई) ने अल-फ़लाह विश्वविद्यालय को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. जिसमें पूछा गया है कि उसका अल्पसंख्यक दर्जा क्यों न रद्द कर दिया जाए. जबकि उसके दो डॉक्टरों की 10 नवंबर को दिल्ली में हुए विस्फोट में भूमिका के लिए जांच चल रही है, जिसमें 15 लोग मारे गए थे.

 एनसीएमईआई का यह कदम नियामकीय कार्रवाई के बीच आया है. यूनिवर्सिटी जिसे नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (NAAC) से मान्यता नहीं मिली है. पहले से ही अपनी फंडिंग और गवर्नेंस को लेकर सवालों का सामना कर रही है. इसके फाउंडर, जवाद अहमद सिद्दीकी को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया है.

छात्रों की मुश्किलें बढ़ीं

अगर अल-फलाह अपना माइनॉरिटी स्टेटस खो देता है, तो इसका छात्रों पर गहरा असर पड़ सकता है. उनमें से कई जो अपनी पढ़ाई के लिए सरकारी स्कॉलरशिप और ग्रांट पर निर्भर है, उन्हें खो सकते है. शनिवार को वाइस चांसलर को लेटर देने वाले एक पेरेंट ने कहा, “हम अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर परेशान हैं और इस बात को लेकर भी परेशान हैं कि उनकी डिग्री वैलिड रहेगी या नही.” हमें यूनिवर्सिटी और अधिकारियों से साफ जवाब चाहिए.

क्या अल फलाह यूनिवर्सिटी बंद हो जाएगी?

अल फलाह के एक प्रोफेसर ने नाम न बताने की शर्त पर परिवारों को भरोसा दिलाने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी बंद नहीं होगी. “हम अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं और यह पक्का करेंगे कि छात्रों के हितों की रक्षा हो.” हालांकि अगर यूनिवर्सिटी NCMEI द्वारा मांगे गए बड़े डॉक्यूमेंट्स, जैसे ट्रस्ट डीड, फंडिंग डिटेल्स और ऑडिटेड अकाउंट्स, देने में नाकाम रहती है, तो सख्त कार्रवाई हो सकती है.

डॉक्यूमेंट्स को लेकर चुनौती

इस बीच एजुकेशन डिपार्टमेंट ने दावा किया है कि उसे अभी तक NCMEI का नोटिस नहीं मिला है. हालांकि एक अधिकारी ने माना कि प्राइवेट यूनिवर्सिटी के डिटेल्ड रिकॉर्ड इकट्ठा करना एक चुनौती होगी. अधिकारी ने कहा कि “हमसे पहले भी जानकारी मांगी गई है, लेकिन एक प्राइवेट इंस्टीट्यूशन होने के नाते, ज़्यादातर डेटा सीधे हमारे पास उपलब्ध नहीं है.”

NCMEI (राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग) की सुनवाई 4 दिसंबर को होनी है. यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और एजुकेशन डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी दोनों वहां अपनी बात रखेंगे. कमीशन यह देखेगा कि क्या यूनिवर्सिटी को अभी भी वही माइनॉरिटी कम्युनिटी मैनेज कर रही है जिसके लिए इसे स्पेशल स्टेटस दिया गया था, और क्या ओनरशिप या कंट्रोल में कोई बदलाव हुआ है.

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