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Manjinder Singh Sirsa on Cloud Seeding: दिल्ली की जहरीली हवा से राहत दिलाने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. मंगलवार को राजधानी में पहली बार क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) का परीक्षण किया जाएगा. यह तकनीक कृत्रिम बारिश कराने के लिए इस्तेमाल की जाती है, जिससे हवा में मौजूद प्रदूषक कण नीचे गिर जाते हैं और वायु गुणवत्ता में सुधार होता है. इस बारे में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने जानकारी दी है.
क्लाउड सीडिंग क्या है? (What is Cloud Seeding)
क्लाउड सीडिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसमें बादलों में रासायनिक तत्व जैसे चांदी का आयोडाइड (Silver Iodide), नमक (Sodium Chloride) या ड्राई आइस (Dry Ice) छोड़े जाते हैं. ये तत्व बादलों के भीतर मौजूद जलकणों को संघनित करने में मदद करते हैं, जिससे बारिश होने की संभावना बढ़ जाती है.
क्या कहा मंजिंदर सिंह सिरसा ने?
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि कानपुर से विशेष रूप से तैयार विमान मंगलवार को दिल्ली पहुंचेगा. फिलहाल कानपुर में धुंध के कारण दृश्यता करीब 2,000 मीटर है. जैसे ही यह 5,000 मीटर तक पहुंचेगी, विमान उड़ान भरकर दिल्ली आएगा और परीक्षण शुरू कर देगा. यह परीक्षण दिल्ली के लिए एक ऐतिहासिक कदम है. हम चाहते हैं कि यह प्रयोग सफल हो ताकि राजधानी को कृत्रिम बारिश से प्रदूषण से राहत दी जा सके.
छठ पर्व के बीच क्लाउड सीडिंग की चर्चा
दिल्ली में इस समय छठ महापर्व का उल्लास भी देखने को मिल रहा है. मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) ने ITO घाट पर उगते सूरज को अर्घ्य दिया. उनके साथ मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा, कपिल मिश्रा और रविंदर इंद्राज मौजूद थे. सिरसा ने कहा कि छठ पूजा बहुत धूमधाम से मनाई गई. सीएम ने डूबते सूर्य को प्रणाम किया और आज उगते सूर्य से दिल्ली की तरक्की की कामना की.
दिल्ली का AQI 400 पार हुआ दर्ज
दिल्ली की हवा इस समय बेहद खराब श्रेणी में है। पिछले कुछ हफ्तों से AQI 400 के पार दर्ज किया जा रहा है. ऐसे में क्लाउड सीडिंग को एक नवीन प्रयोग के रूप में देखा जा रहा है. इससे पहले बुराड़ी इलाके में एक टेस्ट उड़ान की गई थी जिसमें बादलों में चांदी का आयोडाइड और नमक छोड़ा गया था. लेकिन उस वक्त हवा में नमी सिर्फ 20 प्रतिशत थी, जिसके कारण बारिश नहीं हो सकी.
क्या मिलेगी राहत?
मौसम विभाग के अनुसार, 28 से 30 अक्टूबर के बीच दिल्ली के ऊपर पर्याप्त बादल छाए रहेंगे. यदि मौसम अनुकूल रहा, तो 29 अक्टूबर को दिल्ली में पहली कृत्रिम बारिश होने की संभावना है. विशेषज्ञों का कहना है कि क्लाउड सीडिंग से तत्कालिक रूप से प्रदूषण में कमी आ सकती है, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है. यह सिर्फ अस्थायी राहत देगा.