Delhi Riots 2020: देश की राजधानी दिल्ली में फरवरी, 2020 में हुए दंगा मामलों में आरोपी उमर खालिद को दिल्ली की एक अदालत से बड़ी राहत मिली है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान आरोपी उमर खालिद को कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान उमर को अंतरिम जमानत बहन के निकाह के लिए दी है. 2020 के दिल्ली दंगों के कथित ‘लार्जर कांस्पिरेसी‘ केस में उमर खालिद सितंबर 2020 से जेल में बंद हैं. वह सुप्रीम कोर्ट तक गुहार लगा चुका है, लेकिन अब तक उसे पूरी तरह से जमानत नहीं मिल पाई है.
कितने दिन के लिए मिली जमानत
बताया जा रहा है कि कोर्ट ने 16 दिसंबर से 29 दिसंबर तक उमर खालिद को अंतरिम जमानत देने के साथ ही कुछ कड़ी शर्तें भी लगाई हैं. इस दौरान वह सिर्फ अपनी बहन के निकाह में ही शामिल हो.
उमर पर लगाई कौन सी शर्त?
कोर्ट ने बहन के निकाह में शामिल होने के लिए उमर खालिद को 16 से 29 दिसंबर तक अंतरिम ज़मानत दी है. उमर ख़ालिद को तय तारीख यानी 29 दिसंबर की शाम तक वापस सरेंडर करना होगा. कोर्ट ने उमर खालिद की रिहाई के दौरान कड़े निर्देश भी दिए हैं. इसके तहत उमर ख़ालिद सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करेंगे और न ही किसी गवाह से संपर्क कर सकते हैं. वे केवल अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और दोस्तों से ही मिल सकते हैं. एएसजे समीर बजपेयी ने निर्देश दिया कि ख़ालिद अपने घर पर ही रहें या शादी से संबंधित कार्यक्रम जिन स्थानों पर हों, केवल वहीं जाएं.
क्या हैं आरोप
दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू के पूर्व छात्र और सामाजिक कार्यकर्ता उमर खालिद 2020 में दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार हुआ था. इसके बाद से वह जेल में बंद है. दिल्ली पुलिस की ओर से उमर खालिद पर यूएपीए के तहत भी मामला दर्ज किया है. यहां पर बता दें कि 23 फरवरी से 26 फरवरी 2020 के दौरान दिल्ली में दंगे हुए थे. उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में 53 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 13 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट में दायर दिल्ली पुलिस के हलफ़नामे के मुताबिक, इस दौरान हुई आगजनी में सैकड़ों करोड़ का नुकसान भी हुआ था. दंगों के दौरान न केवल जान माल का नुकसान हुआ बल्कि दिल्ली के माथे पर दंगों का दाग भी लगा. यह दंगा उस दौरान हुआ जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के दौरान पर थे. इतना ही नहीं वह दिल्ली में ही मौजूद थे, जब दंगा हो रहा था.