India News (इंडिया न्यूज), Kumari Selja : सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एक प्रकार से किसानों के साथ संगठित धोखा है, जिसमें सरकार और बीमा कंपनियां मिली हुई है, जब किसान से बीमा के लिए प्रीमियम जमा करवाया जाता है तो मुआवजा देने में आनाकानी क्यों की जाती है और अनचाही शर्ते थोपकर किसान को आर्थिक नुकसान पहुंचाया जाता है। आज भी 6,360 करोड़ से अधिक के दावे लंबित पड़े हैं।
मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर संसद में पेश हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सांसद ने कहा कि यह योजना किसानों के लिए सुरक्षा कवच नहीं, बल्कि संगठित धोखे का सबसे बड़ा उदाहरण बन चुकी है। कुमारी सैलजा ने कहा कि 6,360 करोड़ से अधिक के दावे आज भी लंबित पड़े हैं, जबकि किसानों से बीमा प्रीमियम पहले ही वसूल लिया गया।
सांसद ने सवाल उठाया कि जब किसान समय पर प्रीमियम का भुगतान कर चुके थे, तो फसल खराब होने पर उन्हें मुआवजा क्यों नहीं मिला? इसके साथ ही किसानों को प्रीमियम की रसीद तक नहीं दी जाती है और बीमा की शर्ते तक नहीं बताई जाती, सीधे ही कहा जाता है कि बीमा करवाने पर फसलों के नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा, बाद में बीमा न देना पड़े किसान पर अनेक शर्ते थोप दी जाती है।
सांसद ने सरकार से पूछा है कि किसानों के पैसे आखिर जा कहां जा रहे हैं? बीमा कंपनियों ने दावे चुकाने से इनकार किया या देरी की, तो उनके खिलाफ कोई कार्यवाही क्यों नहीं हो रही? क्या भाजपा सरकार और बीमा कंपनियों के बीच कोई सांठगांठ है? सांसद ने स्पष्ट कहा कि यह फसल बीमा योजना नहीं, बल्कि किसानों के साथ एक संगठित विश्वासघात है। देश के अन्नदाता को उसका हक नहीं मिल रहा, जबकि बीमा कंपनियां मुनाफा कमा रही हैं।
भाजपा सरकार को देश के किसानों को बताना चाहिए कि उनके पैसे का क्या हुआ और लंबित दावे कब तक चुकाए जाएंगे। सांसद ने केंद्र सरकार से मांग की है कि सभी लंबित दावों का तुरंत भुगतान किया जाए, बीमा कंपनियों की जवाबदेही तय हो और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, किसानों से वसूले गए प्रीमियम और दिए गए मुआवजे का पूरा ब्योरा सार्वजनिक किया जाए। सांसद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों की इस लड़ाई को हर स्तर पर उठाएगी और भाजपा सरकार को जवाबदेह बनाएगी।
लिंगानुपात में सुधार को लेकर हरियाणा की भूमि से ही बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान की शुरूआत की गई थी। पर उसके सार्थक परिणाम सामने आते दिख नहीं रहे है, आज भी चोरी छिपे लिंग की जांच की जा रही है या गर्भपात किए जा रहे है। एमटीपी या मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी किट दूसरे राज्यों से मंगाकर सिरसा सहित अन्य जिलों में बेची जा रही है जिससे गर्भपात की संख्या बढ़ रही है, जिसके चलते लिंगानुपात में खास सुधार नहीं हो रहा है। जिन जिलों में लिंगानुपात में सुधार नहीं हो रहा है वहां के सीएमओ को पीएनडीटी एक्ट के तहत प्रदान की गई शक्तियां वापस ने ली गई है। सरकार को इस दिशा में सख्त से सख्त कदम उठाना चाहिए।
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