महापंचायत की शुरुआत में दिखा जोश
रविवार दोपहर 2 बजे के बाद गुरुद्वारे परिसर में लोगों का जमावड़ा शुरू हुआ. मंच से वक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि यह केवल एक अधिकारी की मौत नहीं, बल्कि व्यवस्था के खिलाफ चेतावनी है. संगठनों ने मांग उठाई कि इस मामले में हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और जांच निष्पक्ष एजेंसी से करवाई जाए.
पूर्व सांसद राजकुमार सैनी के बयान से बिगड़ा माहौल
महापंचायत के दौरान एक वक्त ऐसा भी आया जब माहौल अचानक गरमा गया. पूर्व सांसद राजकुमार सैनी ने मंच से बोलते हुए कहा कि हम यहां शक्ल दिखाने नहीं आए हैं, पूरन कुमार का संदेश साफ है अब नहीं जागोगे तो जो मेरे साथ हुआ, वह तुम्हारे साथ भी होगा. हालांकि इसके बाद उन्होंने महर्षि वाल्मीकि को लेकर एक विवादित टिप्पणी कर दी, जिसमें उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ब्राह्मण थे. यह बात सुनते ही भीड़ आक्रोशित हो उठी और मंच की ओर बढ़ गई. कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया। हालांकि, वरिष्ठ सदस्यों के हस्तक्षेप से स्थिति को संभाल लिया गया और महापंचायत फिर से पटरी पर लौट आई।
सभा में वक्ताओं ने कहा कि वाई पूरन कुमार की मौत को ‘आत्महत्या’ बताना अन्याय है. उन्होंने कहा कि यह सिस्टम के खिलाफ उनकी लड़ाई थी, जिसे वह अंत तक लड़ते रहे. इसलिए इस घटना को ‘शहादत’ के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए.
कठोर कार्रवाई की मांग और आंदोलन का ऐलान
महापंचायत में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि सभी आरोपितों पर कठोरतम कार्रवाई हो. साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि पूरन कुमार को ‘शहीद’ का दर्जा दिलाने के लिए एससी समाज और अन्य संगठनों का संघर्ष अब हर मोर्चे पर जारी रहेगा. सभा के समापन के दौरान पंजाब कांग्रेस के नेता राजा अमरिंदर सिंह वडिंग ने घोषणा की कि सोमवार को पूरे पंजाब में कैंडल मार्च निकाला जाएगा. इस दौरान पार्टी पूरन कुमार को श्रद्धांजलि देगी और उनके परिवार को न्याय दिलाने की मांग उठाएगी.