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IAS Santosh Verma Fraud Case: मध्य प्रदेश के जाने-माने और विवादों में रहने वाले IAS ऑफिसर संतोष वर्मा एक बार फिर सुर्खियों में हैं. ब्राह्मण लड़कियों पर अपनी बेइज्जती वाली बात से पहले ही समाज में गुस्सा भड़का चुके संतोष वर्मा अब एक गंभीर धोखाधड़ी के मामले में फंसते दिख रहे हैं. उनके खिलाफ धोखाधड़ी का केस फिर से खुलने के बाद अब जांच ज्यूडिशियरी तक पहुंच गई है. हाई कोर्ट से इजाज़त मिलने के बाद पुलिस एक मौजूदा जज से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है और इसके लिए 50 सवालों की लिस्ट तैयार की है.
IAS प्रमोशन पाने के लिए फर्जी कोर्ट ऑर्डर का इस्तेमाल
जांच में पता चला है कि संतोष वर्मा ने अपने खिलाफ एक गंभीर क्रिमिनल केस में बरी होने के लिए कथित तौर पर एक जाली कोर्ट ऑर्डर का इस्तेमाल किया था. एक महिला ने उनके खिलाफ फिजिकल अब्यूज की शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने इस केस में बरी होने का फर्जी ऑर्डर पेश करके IAS कैडर में प्रमोशन हासिल किया था. जब इस फर्जी ऑर्डर का सच सामने आया तो पूरा एडमिनिस्ट्रेटिव सिस्टम हिल गया.
दोनों जजों को किया गया सस्पेंड
दो जजों की भूमिका भी जांच के दायरे में आई. इस पूरे मामले में स्पेशल जज विजेंद्र सिंह रावत और अमन भूरिया का रोल संदिग्ध पाया गया था. शुरुआती जांच में आरोप सामने आए थे कि इन दोनों जजों ने संतोष वर्मा को फायदा पहुंचाया था. उस समय केस को दबाने के लिए ट्रांसफर का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन अब इंदौर हाई कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों जजों के खिलाफ जांच को मंजूरी दे दी है. बाद में दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है.
हाई कोर्ट की इजाजत के बाद पुलिस की कार्रवाई तेज
हाल के घटनाक्रम में, पुलिस को एक जज से पूछताछ करने के लिए इंदौर हाई कोर्ट से फॉर्मल इजाजत मिल गई है. इसके बाद, जांच एजेंसियों ने 50 सवालों का एक डिटेल्ड क्वेश्चनेयर तैयार किया है. जज से जल्द ही पूछताछ की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि फर्जी ऑर्डर कैसे जारी किया गया और इसमें कौन-कौन शामिल था.
ब्राह्मण बेटियों पर दिया था विवादित बयान
गौरतलब है कि संतोष वर्मा को हाल ही में ब्राह्मण बेटियों के बारे में एक आपत्तिजनक बयान के लिए कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था. इस बयान पर तीखी सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आईं. अब, धोखाधड़ी का मामला फिर से खुलने से उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं.