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Gyaneshwar Patil on Asaduddin Owaisi Statement: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में एक मस्जिद कमेटी द्वारा बिहार से इमाम बुलाए जाने के बाद दर्ज हुई FIR अब तूल पकड़ चुकी है. प्रशासनिक कार्रवाई से शुरू हुआ यह मामला अब सीधा सियासी जंग का रूप ले चुका है. हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने खंडवा एसपी की भूमिका पर सवाल उठाए, तो वहीं खंडवा के बीजेपी सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने पलटवार करते हुए ओवैसी पर जातिगत राजनीति करने का आरोप जड़ दिया.
क्या हैं पूरा मामला?
8 सितंबर को खंडवा जिले के खालवा थाना क्षेत्र के ग्राम खारकला की एक मस्जिद में पुलिस को सूचना मिली कि यहां अख्तर रज़ा, निवासी बिहार, बतौर इमाम ठहराए गए हैं। पुलिस जांच में सामने आया कि मस्जिद कमेटी के सदर मोहम्मद हनीफ खान ने प्रशासन को इसकी कोई जानकारी नहीं दी थी.
पुलिस का कहना है कि जिला दंडाधिकारी के निर्देशानुसार किसी भी बाहरी व्यक्ति के ठहराव की सूचना देना अनिवार्य है. इस नियम का उल्लंघन करने पर थाना प्रभारी खालवा जगदीश सिंधिया ने इमाम और मस्जिद कमेटी के सदर दोनों के खिलाफ BNS की धारा 223 के तहत अपराध क्रमांक 319/25 दर्ज किया.
क्या था ओवैसी का बयान?
FIR की खबर सामने आते ही स्थानीय मुस्लिम समाज में गहरी नाराजगी देखी गई. समुदाय के प्रतिनिधियों ने इसे अन्यायपूर्ण कार्रवाई बताते हुए अपनी आपत्ति जताई और मामला ओवैसी तक पहुंचाया. इसके बाद एक सभा में असदुद्दीन ओवैसी ने खंडवा एसपी मनोज राय पर सीधा हमला बोला. उन्होंने सवाल उठाया कि संविधान का आर्टिकल 19 बड़ा है या BNS की धारा 223? ओवैसी ने आरोप लगाया कि इमाम पर केवल मुसलमान होने की वजह से कार्रवाई की गई है.
बीजेपी सांसद का पलटवार
ओवैसी के इस बयान पर खंडवा के बीजेपी सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने पूरी सोच-समझकर कार्रवाई की होगी. कोर्ट के रास्ते हमेशा खुले हैं और अगर एफआईआर गलत होगी तो न्यायालय दूध का दूध और पानी का पानी कर देगा. सांसद पाटिल ने ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे हमेशा आग में घी डालने का काम करते हैं और जातिगत राजनीति करते हैं. जबकि बीजेपी सबके साथ न्याय की नीति पर चलती है.