Danish Rao Murder Case: उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में टीचर दानिश राव की हत्या कर दी गई. बुधवार को, रोज़ की तरह, वह अपने दो साथियों के साथ मौलाना आज़ाद लाइब्रेरी के पीछे कैंटीन में टहल रहे थे, तभी मोटरसाइकिल पर सवार दो नकाबपोश लोग आए और उन पर गोली चला दी. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहाँ इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक, हमलावरों ने हमला करने से पहले कहा, “अब तुम पहचान जाओगे कि मैं कौन हूं,” फिर गाली-गलौज की और दानिश राव के पास गोली चला दी. बताया जा रहा है कि घटना के दौरान दो पिस्टल से करीब 10 राउंड फायरिंग की गई. ऐसा अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि दानिश आरोपियों को जानता होगा. घटना के बाद, उनके साथियों ने पुलिस को इन्फॉर्म किया और उन्हें अस्पताल पहुंचाया.
बुलंदशहर के रहने वाले थे दानिश राव
दानिश राव मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के दिवाई इलाके के रहने वाले थे लेकिन उनका पूरा परिवार पिछले कई दशकों से अलीगढ़ के अमीर निशा इलाके में माखन वाली कोठी के पास रहता है. दानिश राव का बचपन से ही AMU से गहरा नाता था. वह रोज़ यूनिवर्सिटी कैंपस में बनी लाइब्रेरी के पास टहलने जाता था. घटना के समय वह अपने दो दोस्तों के साथ AMU कैंपस में टहल रहा था, जिन्होंने पुलिस को घटना की जानकारी दी. दोस्तों ने बताया कि हमला अचानक हुआ और हमलावर वारदात को अंजाम देकर मौके से भाग गए.
पढ़े-लिखे परिवार से थे दानिश राव
दानिश राव पढ़े-लिखे परिवार से थे. उनकी मां AMU में टीचर थीं, और पिता भी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कर्मचारी थे. दानिश अली खुद AMU से पढ़ाई करने के बाद ABK बॉयज़ स्कूल में कंप्यूटर टीचर थे. उनके भाई AMU में इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में टीचर हैं. उनका परिवार सामाजिक और राजनीतिक रूप से भी जाना-माना था. वह मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व MLA डॉ. मोहम्मद उल्लाह चौधरी के दामाद थे.
हमलावरों की तलाश जारी
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और CCTV फुटेज और मौके पर मौजूद लोगों के बयानों के आधार पर हमलावरों की तलाश कर रही है. परिवार का कहना है कि उन्हें किसी दुश्मनी या झगड़े की कोई जानकारी नहीं है, लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि क्या आरोपी दानिश अली को पहले से जानता था, क्योंकि घटना से पहले दिए गए बयान कुछ और ही इशारा करते हैं. पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं यह हत्या किसी पुरानी दुश्मनी का नतीजा तो नहीं है.