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दिल्ली-NCR में सांस लेना हुआ मुश्किल, लोनी और वसुंधरा ने प्रदूषण के तोड़े सारे रिकॉर्ड

Delhi NCR Air Pollution: सोमवार को नोएडा में 410 AQI के साथ प्रदूषण की लिस्ट में सबसे टॉप पर रहा, वहीं दिल्ली में AQI 401 के साथ दूसरे स्थान पर बना रहा. हालांकि, गाजियाबाद के दो स्टेशनों, लोनी और वसुंधरा में हवा की क्वालिटी दिल्ली और नोएडा से भी ज़्यादा खराब रिकॉर्ड की गई.

Written By: shristi S
Last Updated: December 29, 2025 19:36:36 IST

AQI today Delhi NCR: दिल्ली-NCR इस वक्त प्रदूषण की गंभीर श्रेणी से गुजर रहा है. जहां सोमवार को नोएडा में 410 AQI के साथ प्रदूषण की लिस्ट में सबसे टॉप पर रहा, वहीं दिल्ली में AQI 401 के साथ दूसरे स्थान पर बना रहा. हालांकि, गाजियाबाद के दो स्टेशनों, लोनी और वसुंधरा में हवा की क्वालिटी दिल्ली और नोएडा से भी ज़्यादा खराब रिकॉर्ड की गई. आइए विस्तार से जानें पूरी खबर. 

लोनी और वसुंधरा में कितना दर्ज हुआ AQI

लोनी में 442 और वसुंधरा में 412 के AQI के साथ, हवा नोएडा और दिल्ली से ज़्यादा जहरीली थी. पिछले कुछ दिनों से, दोनों स्टेशनों पर प्रदूषण का लेवल 400 के आसपास बना हुआ है. गाजियाबाद सबसे प्रदूषित शहरों में तीसरे नंबर पर रहा. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार, सोमवार को गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स 393 रिकॉर्ड किया गया, हालांकि पिछले दिन यह 414 था. इस मामूली कमी का हवा की क्वालिटी पर बहुत कम असर पड़ा. हवा की क्वालिटी में थोड़ा सुधार हुआ, और यह ‘गंभीर’ से ‘खराब’ कैटेगरी में आ गई.

GRAP (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के तहत लागू किए गए सभी बचाव उपायों और पाबंदियों के बावजूद, हवा की क्वालिटी में कोई खास सुधार नहीं हुआ है. गाजियाबाद के लोनी में हवा की क्वालिटी सबसे खराब है. रविवार को लोनी में AQI 445 था, जो सोमवार को थोड़ा कम होकर 442 हो गया. इसी तरह, वसुंधरा में भी मामूली कमी देखी गई, AQI 412 रहा, और यह ‘गंभीर’ कैटेगरी में बना रहा. पिछले दिन वहां AQI 433 था.

AQI स्टेटस

गाजियाबाद – 393
इंदिरापुरम – 353
लोनी – 442
संजय नगर – 364
वसुंधरा – 412

स्मॉग के कारण बढ़ती समस्याएं

सुबह और शाम को कोहरे और स्मॉग के कारण प्रदूषण से लोगों को दिक्कत हो रही है. खराब हवा की क्वालिटी के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. कचरा जलाने की घटनाएं भी काफी बढ़ गई हैं. सर्दियों में आग जलाने के लिए इस्तेमाल होने वाली लकड़ी और कोयला भी प्रदूषण के बढ़ते लेवल में योगदान दे रहे हैं.

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