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एक विवाह ऐसा भी…दूल्हे ने लौटाए 31 लाख, कहा-‘इन पैसों पर मेरा हक नहीं, मुझे सिर्फ दुल्हन चाहिए’

मुजफ्फरनगर के एक 26 साल के दूल्हे ने दिल को छू लेने वाला काम करते हुए 31 लाख रुपये का दहेज लेने से मना कर दिया और शगुन के तौर पर सिर्फ 1 रुपये लिए.

Written By: Mohammad Nematullah
Last Updated: November 30, 2025 11:46:57 IST

Uttar Pradesh News: जहां कुछ महिलाओं को दहेज के लिए परेशान किया जाता है और उनके साथ मारपीट की जाती है, वहीं एक युवक ने दहेज मांगने वालों को करारा झटका दिया है. दहेज से जुड़ी मारपीट मीडिया में सुर्खियां बनती रहती हैं, वहीं एक युवक ने शादी में मौजूद सभी लोगों के सामने भारी दहेज लेने से मना करके इस सामाजिक बुराई को चुनौती देने का फैसला किया. युवक का नाम अवधेश राणा है, जो उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का रहने वाला है.

तिलक समारोह में 31 लाख रुपये लेने से किया मना

अवधेश की बारात 22 नवंबर को मुजफ्फरनगर के एक बैंक्वेट हॉल में पहुंची. वरमाला सेरेमनी से पहले तिलक समारोह के दौरान, दुल्हन पक्ष ने दूल्हे को 31 लाख रुपये के नोटों से सजी एक थाली दी. हालांकि सभी को हैरान करते हुए, पढ़े-लिखे और जागरूक युवक अवधेश ने पूरी रकम लेने से साफ मना कर दिया और थाली से सिर्फ एक रुपया लिया. उन्होंने कहा “जिसने अपनी बेटी दी, उसने सब कुछ दे दिया. दहेज लेना न सिर्फ जुर्म है, बल्कि समाज पर कलंक भी है.”

एक रुपये के शगुन में तय हुई शादी

अवधेश ने 22 नवंबर को शहाबुद्दीनपुर गांव की रहने वाली अदिति सिंह से शहर के एक बैंक्वेट हॉल में शादी की. शादी के दौरान अदिति के परिवार ने दूल्हे को दहेज के तौर पर 31 लाख रुपये देने की कोशिश की. दूल्हे ने कहा “हम दहेज के खिलाफ है. यह बिल्कुल गलत है. दहेज प्रथा पूरी तरह खत्म होनी चाहिए.”

बुढ़ाना तहसील इलाके के नागवा गांव के रहने वाले 26 साल के अवधेश कुमार राणा ने हाथ जोड़कर 31 लाख रुपये की भारी रकम लेने से मना कर दिया. जिस पर वहां मौजूद हर मेहमान ने तालियां बजाई. दूल्हे के इस कदम की चर्चा सिर्फ मुजफ्फरनगर ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में हो रही है.

वीडियो यहां देखें

एक रुपये के शगुन में शादी तय हुई थी

अवधेश के पिता राजवीर सिंह ने बताया कि शादी सिर्फ़ एक रुपये की रस्म के साथ तय हुई थी. लेकिन दुल्हन के परिवार ने परंपरा के नाम पर 31 लाख रुपये लाने की कोशिश की. अवधेश ने इस ऑफ़र को ठुकरा दिया, जिससे समाज में यह मैसेज गया कि बेटियां बोझ नहीं, बल्कि सम्मान है. मेहमानों ने बताया कि दुल्हन के पिता की मौत COVID-19 महामारी के दौरान हो गई थी.

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