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कलयुगी कंस मामा! भांजे की पत्नी के इश्क़ में बन बैठा कातिल, जानें कैसे रचा मौत का खौफनाक षड्यंत्र?

Lucknow Murder Case: लखनऊ में एक ऐसी खौफनाक घटना सामने आई है, जिसमें एक कलयुगी कंस मामा ने अपने भांजे को उसकी पत्नी के प्यार में मौत के घाट उतार दिया.

Written By: shristi S
Last Updated: September 23, 2025 16:12:06 IST

Lucknow Crime News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रिश्तों को शर्मसार कर देने वाली एक वारदात ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया. नगराम थाना क्षेत्र के छतौनी गांव में हुए रामफेर हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा किया. जांच में सामने आया कि मृतक का सगा मामा ही उसकी हत्या का गुनहगार निकला. वजह थी मृतक की पत्नी मीरा के साथ मामा के अवैध संबंध.

भजन-कीर्तन के बीच रची गई साजिश

जानकारी के मुताबिक, घटना 18 सितंबर की है. गांव में उस दिन भजन-कीर्तन का आयोजन था. इसी मौके का फायदा उठाकर रायबरेली निवासी बसंतलाल (मृतक का मामा) और उसका साथी करदहा गांव निवासी केतार बेडिया ने हत्या की साजिश को अंजाम दिया. पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि बसंतलाल अक्सर अपनी दीदी के घर आता-जाता था. इसी दौरान उसकी नज़र भांजे की पत्नी मीरा पर पड़ी और दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती चली गईं.

वैवाहिक कलह बनी बहाना

दूसरी ओर, शराब के आदी रामफेर अक्सर नशे में अपनी पत्नी से मारपीट करता था. मीरा इस स्थिति से तंग आ चुकी थी और मामा के साथ मिलकर पति को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया. घटना वाली शाम रामफेर को इंदिरा नहर किनारे बुलाया गया. वहां पहले उसे शराब पिलाई गई और जब वह नशे में धुत हो गया, तो गमछे से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी गई. इसके बाद शव को नाले में फेंक दिया गया ताकि मामला दुर्घटना जैसा लगे.

पुलिस को गुमराह करने की कोशिश

हत्या के बाद मीरा ने गांव के विपक्षियों पर पुरानी रंजिश का आरोप लगाते हुए तहरीर दी, ताकि जांच का रुख दूसरी दिशा में मोड़ा जा सके. लेकिन पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य, मोबाइल सीडीआर और पूछताछ के आधार पर जल्द ही सच उजागर कर दिया. जांच में हत्या में प्रयुक्त गमछा भी बरामद हुआ. SP मोहलालगंज रजनीश वर्मा और नगराम थाना प्रभारी विवेक चौधरी के नेतृत्व में बनी पुलिस टीम ने लगातार सुराग खंगाले और आखिरकार मामा बसंतलाल व उसके साथी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

समाजसेवी बने बच्चों का सहारा

इस बीच, गांव के समाजसेवी और कपड़ा व्यवसायी सुभाष गुप्ता बच्चों की मदद के लिए आगे आए हैं. उन्होंने घोषणा की कि मृतक रामफेर के बेटे प्रिंस (10 वर्ष) और बेटी प्रियंका (13 वर्ष) को 20 वर्ष की आयु तक नि:शुल्क कपड़े उपलब्ध कराएंगे. उन्होंने कहा कि मीरा भी हत्या में शामिल पाई गई और जेल भेजी जा चुकी है, ऐसे में बच्चे पूरी तरह बेसहारा हैं. खाने-पीने और देखभाल की जिम्मेदारी मृतक का भाई निभाएगा, जबकि कपड़ों की कमी समाजसेवी पूरी करेंगे.

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