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Former MLA Grandson Shot: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत ज़िले के बिलसंडा थाना क्षेत्र में शुक्रवार की दोपहर अचानक गोलियों की आवाज़ गूंज उठी और पूरे इलाके में सनसनी फैल गई. मामला जमीन विवाद से जुड़ा था, लेकिन इसकी गूंज राजनीतिक गलियारों तक पहुंच गई क्योंकि गोली लगने वाला युवक कोई आम व्यक्ति नहीं बल्कि पूर्व विधायक एवं लोकतंत्र सेनानी कुंवर भगवान सिंह का पोता प्रशांत सिंह उर्फ आशु है. उनकी हालत नाज़ुक बनी हुई है और उन्हें बरेली के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
क्या हैं पूरा मामला?
सूत्रों के अनुसार, कस्बा बमरोली नगर के मोहल्ला इस्लामनगर के पास कई एकड़ जमीन पर लंबे समय से विवाद चल रहा था. जमीन पर दावा करने वाले पक्षों में एक ओर पूर्व विधायक का परिवार है, जबकि दूसरी ओर नगर के एक चिकित्सक का परिवार. शुक्रवार की दोपहर करीब ढाई बजे प्रशांत सिंह अपने पिता संजय सिंह के साथ मौके पर पहुंचे. उसी दौरान चिकित्सक परिवार के सदस्य भी वहां मौजूद थे. मामूली कहासुनी ने जल्द ही उग्र रूप ले लिया और देखते ही देखते विवाद हिंसक हो गया। अचानक चली गोली सीधे प्रशांत के पेट में लगी और वह मौके पर ही लहूलुहान होकर गिर पड़े.
घायल को पहले नज़दीकी सरकारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन हालत गंभीर देखते हुए उन्हें जिला अस्पताल और फिर वहां से बरेली रेफर कर दिया गया. लगातार बिगड़ती हालत से परिवार पर दुख और चिंता का पहाड़ टूट पड़ा है. इस बीच, परिवारजन अस्पताल और इलाज में व्यस्त रहने के कारण पुलिस को कोई तहरीर नहीं दे पाए हैं.
मुख्य आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
वारदात की खबर मिलते ही पुलिस क्षेत्राधिकारी भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया. कुछ ही घंटों में मुख्य आरोपी को पुलिस ने एक ईंट-भट्टे से दबोच लिया। फिलहाल उससे कड़ी पूछताछ की जा रही है. थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह मामला जमीन विवाद का प्रतीत हो रहा है. हालांकि, पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है क्योंकि राजनीतिक परिवार से जुड़े इस प्रकरण ने संदेह के नए प्रश्न भी खड़े कर दिए हैं.
दिनदहाड़े हुए इस हमले ने नगर में दहशत का माहौल बना दिया है। खासकर इस वजह से कि पीड़ित पूर्व विधायक का पोता है. घटना ने सियासी महत्व ले लिया है और अब यह चर्चा सिर्फ एक पारिवारिक विवाद तक सीमित नहीं रह गई. राजनीतिक वर्ग भी इस मामले पर निगाह बनाए हुए है और स्थानीय स्तर पर प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है.