Live
Search
Home > राज्य > उत्तर प्रदेश > Dubai से Kanpur तक फैला 970 करोड़ का जाल, इंटरनेशनल ठग रविंद्र नाथ सोनी गिरफ्तार

Dubai से Kanpur तक फैला 970 करोड़ का जाल, इंटरनेशनल ठग रविंद्र नाथ सोनी गिरफ्तार

Kanpur International Fraud News: कानपुर के रहने वाले इंटरनेशनल ठग रविंद्र नाथ सोनी ने पुलिस पूछताछ के दौरान कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं. सोनी पर 500 से ज्यादा लोगों से कुल 970 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है.

Written By: shristi S
Last Updated: December 7, 2025 17:10:03 IST

Ravindra Nath Soni Fraud Case: हाल ही में गिरफ्तार किए गए उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले इंटरनेशनल ठग रविंद्र नाथ सोनी ने पुलिस पूछताछ के दौरान कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं. सोनी पर 500 से ज्यादा लोगों से कुल 970 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है. बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद और मशहूर पहलवान द ग्रेट खली का नाम भी इस मामले से जुड़ा है, क्योंकि दोनों ने सोनी की कंपनी का प्रमोशन किया था. पुलिस अब उनसे पूछताछ करने की तैयारी कर रही है ताकि यह पता चल सके कि उनका जुड़ाव सिर्फ प्रमोशन तक सीमित था या वे कंपनी की धोखाधड़ी वाली स्कीम का हिस्सा थे. यह जांच इंटरनेशनल लेवल पर भी की जा रही है, जिसमें इंटरनेशनल सुरक्षा एजेंसियां ​​भी शामिल हैं.

दिल्ली का रहने वाला है रंविंद्र नाथ सोनी

पुलिस ने बताया कि रविंद्र नाथ सोनी मूल रूप से दिल्ली के मालवीय नगर का रहने वाला है. उसने दुबई में ‘ब्लूचिप कारमाइकल ब्रोकर और ब्लूचिप ग्रुप ऑफ कंपनीज’ नाम की कंपनी बनाई थी. उसने 11 और सिस्टर कंसर्न भी बनाए थे. सोनी ने दुबई, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, जापान और भारत समेत कई देशों के इंजीनियरों को 30 से 40 प्रतिशत रिटर्न का वादा करके करोड़ों रुपये इन्वेस्ट करने के लिए लुभाया. शुरुआत में, उसने कुछ इंजीनियरों का भरोसा जीतने के लिए छोटे-छोटे अमाउंट मुनाफे के तौर पर लौटाए, लेकिन बाद में बाकी पैसे चुकाए बिना फरार हो गया. पुलिस जांच में पता चला कि सोनी दुबई में जेल भी जा चुका था, लेकिन रिहा होने के बाद भारत लौट आया था.

अब्दुल करीम द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत

यह मामला कानपुर के परेड इलाके के रहने वाले अब्दुल करीम की शिकायत से शुरू हुआ. 5 जनवरी, 2025 को अब्दुल ने गन्ने पुलिस स्टेशन में सोनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया. उनके मुताबिक, उनका बेटा तलहा करीम दुबई की एक कंपनी में काम करता है. 2021 में, तलहा को ब्लूचिप कंपनी के एक सेल्स एग्जीक्यूटिव का उसके मोबाइल फोन पर कॉल आया. कॉलर ने उसे ज़्यादा रिटर्न का वादा करके लुभाया और उससे एक साल में 42,29,600 रुपये ट्रांसफर करवा लिए. बाद में, कंपनी का मोबाइल नंबर और वेबसाइट इनएक्टिव हो गई. शिकायत मिलने पर गन्ने पुलिस और सर्विलांस टीम एक्टिव हो गई. सोनी की गिरफ्तारी की जानकारी देने वाले को 10,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया और कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया. आखिरकार, 30 नवंबर को पुलिस ने सोनी को देहरादून में न्यू डिफेंस एन्क्लेव गेट के पास से गिरफ्तार किया और उसे जेल भेज दिया.

सोनी ने बताया कि सोनू सूद और द ग्रेट खली ने दुबई में एक ब्लूचिप कंपनी के लॉन्च पर उसका प्रतिनिधित्व किया था. पुलिस अब उनकी भूमिका की जांच कर रही है: क्या वे फ्रॉड स्कीम में शामिल थे, या वे खुद इसके शिकार थे? ADCP ईस्ट अंजलि विश्वकर्मा इस मामले की देखरेख कर रही हैं. उन्होंने बताया कि जांच के दौरान कई और सबूत सामने आ रहे हैं. शुक्रवार दोपहर को, दुबई में रहने वाले एक एक्टर ने पुलिस कमिश्नर के पास 4 करोड़ रुपये के फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराई. नाम न बताने की शर्त पर उन्होंने कहा कि सोनी ने उनसे भी करोड़ों रुपये ऐंठे थे. पुलिस अब इंटरनेशनल फ्रॉड नेटवर्क का पता लगाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) सहित अन्य केंद्रीय एजेंसियों को रिपोर्ट भेज रही है.

विदेशी नागरिक भी शिकायतें दर्ज करा रहे हैं

इस फ्रॉड से जुड़ी शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ रही है. पुलिस कमिश्नर और जांच अधिकारियों के पास ईमेल और फोन कॉल के जरिए और भी शिकायतें आ रही हैं. शिकायत करने वालों में आम निवेशक और विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. सोनी ने सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट का इस्तेमाल करके कंपनी का बड़े पैमाने पर प्रमोशन किया. पुलिस का कहना है कि सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट से निवेशकों का भरोसा बढ़ा, जिससे फ्रॉड करना आसान हो गया. अब सवाल यह है कि क्या सोनू सूद और खली जैसी जानी-मानी हस्तियां इस स्कैम से अनजान थीं या इसमें सक्रिय रूप से शामिल थीं? सच्चाई जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएगी.

कानपुर पुलिस कमिश्नर ने क्या कहा?

कानपुर पुलिस ने इस मामले को अपने हाथ में ले लिया है और इंटरनेशनल सहयोग मांग रही है. कमिश्नर रघुवीर लाल ने कहा कि वे सभी शिकायतकर्ताओं को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. फ्रॉड करने वाले के बैंक खातों, क्रिप्टो ट्रांजैक्शन और कंपनी के डॉक्यूमेंट्स की गहन जांच की जा रही है. इस स्कैम को देखते हुए, एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि निवेश करने से पहले किसी कंपनी की वैधता और रिफंड पॉलिसी को वेरिफाई करना बहुत जोरूरी है. सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट पर आंख मूंदकर भरोसा न करें, क्योंकि वे खुद भी कभी-कभी स्कैम का शिकार हो जाते हैं. यह मामला साइबर फ्रॉड और इन्वेस्टमेंट स्कैम की बढ़ती समस्या को उजागर करता है, जिसके लिए सरकार को सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है.

MORE NEWS

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?