Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से एक ऐसी घटना सामने आई है. जो आप जान कर हैरान रह जायेंगे. उसने 2 जेल कर्मचारियों की मदद से एक बड़ा घोटाला किया. रामजीत यादव 2011 में अपनी पत्नी अनीता की हत्या के आरोप में जेल गया था. 2017 में उसे जमानत मिली. रिहा होने के बाद उसने नीतू नाम की महिला से दोबारा शादी कर ली. 24 फरवरी 2023 को अदालत ने उसे पत्नी की हत्या का दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई. जेल में रहते हुए रामजीत यादव ने जेल प्रशासन के कामकाज और बैंक चेक पर दस्तखत करने का तरीका समझ लिया था.
20 मई 2024 को उसे फिर से जमानत पर रिहा किया गया. जेल से निकलने से पहले उसने अकाउंटेंट के कमरे से बैंक की चेकबुक चुरा ली. अगले दिन 21 मई को उसने जेल के बैंक खाते से 10,000 निकाले. 22 मई को उसने 50,000 और कुछ दिनों बाद 1.40 लाख निकाले. दिलचस्प बात यह है कि जेल प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी. कैदी रामजीत यादव ने खाते से धीरे-धीरे 30 लाख रुपये से ज़्यादा निकाल लिए.
काफी दिनों से पैसे निकाल रहा
रामजीत यादव जमुआ शाहगढ़ थाना क्षेत्र के बिलरियागंज गांव में रहता है. डेढ़ साल तक वे चेकबुक से फर्जी हस्ताक्षर करके पैसे निकालता रहा. उसने ये सारा पैसा अपनी मां और दूसरी पत्नी के खातों में ट्रांसफर कर दिया था. 22 सितंबर 2025 को जब उसने खाते से 2.60 लाख रुपये निकाले थे. जब जेल अधीक्षक आदित्य कुमार सिंह को धोखाधड़ी का पता चला. मोबाइल पर मैसेज आने के बाद उन्होंने जेल खाते का स्टेटमेंट निकाला और जिसमें धोखाधड़ी का खुलासा हुआ.
जेल सहायक और चौकीदार भी शामिल
जांच में पता चला कि रामजीत यादव जेल ठेकेदार बनकर जेल अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से बैंक खाते से पैसे निकाल रहा था. जेल अधीक्षक ने 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. इस धोखाधड़ी में रामजीत यादव शिवशंकर उर्फ गोरख (पूर्व बंदी), वरिष्ठ जेल सहायक मुशीर अहमद और चौकीदार अवधेश कुमार पांडेय शामिल हैं. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
लखनऊ से सुनाया
बताया जा रहा है कि लखनऊ मुख्यालय ने आजमगढ़ जेल अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है. पुलिस का कहना है कि इस धोखाधड़ी में बैंक कर्मचारियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता. फिलहाल जांच अभी जारी है.