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IMA में टूटा 93 साल पुराना रिकॉर्ड, साई जाधव बनी ट्रेनिंग पाने वाली पहली महिला ऑफिसर

IMA First Woman Officer:  महाराष्ट्र के कोल्हापुर की रहने वाली साई जाधव ने एकेडमी से ग्रेजुएट होकर IMA के 93 साल के शानदार इतिहास में एक नया रिकॉर्ड बनाया है.

Written By: shristi S
Last Updated: December 15, 2025 19:33:51 IST

Sai Jadhav IMA First Woman Officer: भारत में पहली बार, एक महिला अधिकारी ने देश के जाने-माने मिलिट्री ट्रेनिंग संस्थान, देहरादून में इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) से अपनी ट्रेनिंग पूरी की है और सेना में कमीशन हासिल किया है. महाराष्ट्र के कोल्हापुर की रहने वाली साई जाधव (Sai Jadhav) ने एकेडमी से ग्रेजुएट होकर IMA के 93 साल के शानदार इतिहास में एक नया रिकॉर्ड बनाया है. 

कैसे हुआ साई जाधव का चयन?

साई जाधव का सिलेक्शन नेशनल लेवल की कॉम्पिटिटिव परीक्षा और SSB इंटरव्यू क्लियर करने के बाद हुआ. उन्होंने IMA में 6 महीने की कड़ी और चुनौतीपूर्ण मिलिट्री ट्रेनिंग सफलतापूर्वक पूरी की. यह ट्रेनिंग शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से बहुत मुश्किल थी. उनकी सफलता उन बाधाओं को पार करने में दिखाए गए उनके अटूट दृढ़ संकल्प, अनुशासन और साहस का सबूत है. उनकी यह उपलब्धि देश भर की हजारों युवा महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने और देश की सेवा करने का सपना देखती हैं.

93 साल के इतिहास में पहली बार

इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) सालों से देश को बेहतरीन मिलिट्री ऑफिसर दे रही है. यह पासिंग आउट परेड (POP) एकेडमी के लिए एक ऐतिहासिक पल से कम नहीं था. लेफ्टिनेंट साई जाधव ने IMA से ट्रेनिंग पूरी करने वाली पहली महिला ऑफिसर कैडेट बनकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है. उन्होंने टेरिटोरियल आर्मी के लिए छह महीने का स्पेशल ट्रेनिंग प्रोग्राम सफलतापूर्वक पूरा किया और लेफ्टिनेंट के तौर पर कमीशन हासिल किया.

ट्रेनिंग और कमीशनिंग की खास बातें

साई जाधव ने अपनी ट्रेनिंग रेगुलर IMA कोर्स में नहीं, बल्कि टेरिटोरियल आर्मी के लिए स्पेशल ट्रेनिंग कोर्स के तहत पूरी की. इस कोर्स में 16 ऑफिसर कैडेट्स में वह अकेली महिला थीं. अपना अनुभव बताते हुए साई ने कहा कि ट्रेनिंग शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से बहुत चुनौतीपूर्ण थी. हालांकि, इसने उनके लीडरशिप स्किल्स, सहनशक्ति और भारतीय सेना के प्रति कर्तव्य की गहरी भावना को मजबूत किया. पासिंग आउट सेरेमनी के दौरान उनके माता-पिता ने उनके कंधों पर लेफ्टिनेंट के स्टार लगाए.

दादा और पिता ने सेना में सेवा की

साई जाधव की उपलब्धि उनके परिवार के मजबूत मिलिट्री इतिहास से जुड़ी है। साई जाधव के पिता, संदीप जाधव, भारतीय सेना में मेजर हैं। उनके दादा ने ब्रिटिश सेना में सेवा की थी. परिवार में यह समृद्ध मिलिट्री परंपरा ही मुख्य कारण था जिसने साई को सशस्त्र बलों में करियर बनाने का फैसला लेने के लिए प्रभावित किया. लेफ्टिनेंट साई जाधव की सफलता सिर्फ उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारतीय सेना में महिलाओं के लिए समान अवसरों का रास्ता भी खोलती है. इस कार्यक्रम के दौरान यह घोषणा की गई कि जून 2026 से, महिला ऑफिसर कैडेट्स IMA में पुरुष कैडेट्स के साथ नियमित रूप से ट्रेनिंग करेंगी और पासिंग आउट परेड में भी हिस्सा लेंगी.

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