इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : देश की सर्वोच्च अदालत ने नोटबंदी लागू करने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए बुधवार(7 दिसंबर) को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा छह साल पहले (2016 में) लागू किए गए नोटबंदी के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक से नोटबंदी लागू करने के संबंधी रिकॉर्ड पेश करने को कहा है।
जानकारी दें, इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर, बीआर गवई, एएस बोपन्ना, वी रामासुब्रमण्यम और बीवी नागरत्ना की बेंच ने की। पीठ ने पक्षकारों को 10 दिसंबर तक लिखित दलील पेश करने को कहा है। सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा था कि वह सिर्फ इसलिए हाथ बांधकर नहीं बैठेगी क्योंकि यह एक आर्थिक नीति का फैसला है। कोर्ट ने कहा कि वह इस संबंधी फैसला लेने के तरीकों की जांच कर सकती है।
आपको बता दें, इसी साल 12 अक्टूबर को नोटबंदी को लेकर दायर की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम की दलीलों के बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच सुनवाई के लिए सहमति जताई और अब पीठ ने केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक को नोटबंदी का फैसला लेने से संबंधित दस्तावेज और रिकॉर्ड पेश करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी से जुड़े सभी रिकॉर्ड सीलबंद कवर में पेश किए जाएं।
ज्ञात हो, संविधान पीठ ने कहा कि मामले की सुनवाई हो गई और फैसला सुरक्षित रखा गया है। वहीं कोर्ट द्वारा रिकॉर्ड पेश करने पर अटॉर्नी जनरल (AG) ने पीठ के सामने कहा कि वह सभी दस्तावेजों को सीलबंद लिफाफे में अदालत में जमा करेंगे।
जानकारी दें, इससे पहले 5 दिसंबर को भारतीय रिजर्व बैंक ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी थी कि देश में नोटबंदी लागू करने के दौरान सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया था। आरबीआई ने कहा था कि नवंबर, 2016 में नोटबंदी की प्रक्रिया के दौरान 1,000 रुपये और 500 रुपये के नोटों को बैन करने के फैसले में आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 26 (2) में जो निर्धारित प्रक्रिया है, उसका पूरी तरह से पालन किया गया था।
Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.