Live
Search
Home > टेक – ऑटो > 2030 तक इतने प्रतिशत नौकरियां खा जाएगा AI! OpenAI वाले सैम ऑल्टमैन ने कर दिया बड़ा दावा, जान होश उड़ जाएंगे

2030 तक इतने प्रतिशत नौकरियां खा जाएगा AI! OpenAI वाले सैम ऑल्टमैन ने कर दिया बड़ा दावा, जान होश उड़ जाएंगे

Sam Altman on AI: ओपनएआई के सीईओ सैम अल्टमैन ने एक बार फिर ऑफिस के काम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के भविष्य पर चर्चा शुरू कर दी है. एक्सेल स्प्रिंगर अवॉर्ड मिलने के बाद, उन्होंने कहा कि आने वाले सालों में, वे इस स्तर तक विकसित हो सकते हैं कि 2030 तक वे इंसानी नौकरियों की जगह लेने लगेंगे.

Written By: Ashish kumar Rai
Last Updated: September 28, 2025 22:14:22 IST

Sam Altman AI prediction: ओपनएआई के सीईओ सैम अल्टमैन ने एक बार फिर ऑफिस के काम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के भविष्य पर चर्चा शुरू कर दी है. एक्सेल स्प्रिंगर अवॉर्ड मिलने के बाद, उन्होंने कहा कि एआई सिस्टम उम्मीद से कहीं तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं. आने वाले सालों में, वे इस स्तर तक विकसित हो सकते हैं कि 2030 तक वे इंसानी नौकरियों की जगह लेने लगेंगे. इसके अलावा, वे इंसानी इंटेलिजेंस से भी आगे निकल सकते हैं और सुपर इंटेलिजेंस का स्तर प्राप्त कर सकते हैं. तब वे ऐसी समस्याओं को भी हल कर सकेंगे जिन्हें इंसान खुद नहीं सुलझा सकते.

अब नहीं खाने पड़ेंगे Train में धक्के, देशभर में दौड़ेंगी 12000 स्पेशल ट्रेनें; जानिए किन राज्यों को मिलेगी सुविधा

GPT-5 और एआई विकास की तेज़ी

अल्टमैन ने कहा, “GPT-5 पहले से ही मुझसे और कई दूसरे लोगों से ज़्यादा स्मार्ट है.” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि एआई का विकास बहुत तेज़ी से हो रहा है और इसकी क्षमताएं लगातार बढ़ती रहेंगी. अल्टमैन का मानना ​​है कि अगले दशक के अंत तक, एआई ऐसी वैज्ञानिक खोजें भी कर सकता है जो इंसान अकेले नहीं कर सकते. उनका कहना है कि अगर 2030 तक हमारे पास इंसानी क्षमताओं से बेहतर काम करने वाले एआई मॉडल नहीं होते हैं, तो यह वाकई हैरान करने वाली बात होगी.

40% नौकरियां खतरे में

उन्होंने चेतावनी दी कि एआई का सबसे बड़ा असर जॉब मार्केट पर होगा. अल्टमैन के अनुसार, यह टेक्नोलॉजी 30% से 40% तक के कामों को ऑटोमेट कर सकती है. इसका मतलब है कि कई मौजूदा नौकरियां खत्म हो जाएंगी, लेकिन नए तरह के रोल भी सामने आएंगे। इंसानों के लिए सबसे ज़रूरी होगा मेटा-स्किल विकसित करना, जैसे कि सीखने का तरीका सीखना.

इंसानी मूल्यों के साथ तालमेल ज़रूरी

एआई के असर को लेकर बढ़ती चिंताओं के बारे में अल्टमैन ने कहा कि यह ज़रूरी है कि टेक्नोलॉजी हमेशा इंसानी मूल्यों के साथ तालमेल रखे। अगर इसे सावधानी से नहीं संभाला गया, तो इसके नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं. अल्टमैन ने यह भी संकेत दिया कि कंपनी सिर्फ सॉफ्टवेयर तक सीमित नहीं है. हाल ही में एक एप्पल डिज़ाइनर को हायर करने के बाद, ओपनएआई ऐसे एआई-आधारित डिवाइस बनाने पर विचार कर रहा है जो पारंपरिक ऐप और नोटिफिकेशन से आगे हों, जो इंसानों के लिए पूरी तरह एआई से चलने वाला टास्क मैनेजमेंट प्रदान करें. उन्होंने इसे कीबोर्ड और टचस्क्रीन के बाद कंप्यूटिंग में तीसरी बड़ी क्रांति बताया.

पेरेंटिंग, पॉलिटिक्स और एआई का असर

पेरेंटिंग की अपनी नई जर्नी के बारे में बात करते हुए, अल्टमैन ने कहा कि वह चाहते हैं कि उनका बेटा क्रिएटिविटी, लचीलापन और अनुकूलनशीलता जैसे स्किल के साथ बड़ा हो. उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य के नेता और राजनेता एआई पर ज़्यादा निर्भर होंगे, हालांकि बड़े फैसले इंसान ही लेंगे.

अल्टमैन का निष्कर्ष स्पष्ट है कि आने वाले सालों में, एआई न केवल इंडस्ट्री को बदल देगा बल्कि यह हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी और काम करने के तरीके को भी पूरी तरह बदल देगा. हालांकि, ओपनएआई का कहना है कि उसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यह तकनीक सुरक्षित, नैतिक और मानव-केंद्रित बनी रहे.

अक्टूबर में कब कितने दिन बंद रहेंगे स्कूल? यहां देखें हॉलिडे की पूरी List

MORE NEWS

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?