डिजिटल पेमेंट को और आसान और सुरक्षित बनाने के लिए National Payments Corporation of India (NPCI) ने UPI के लिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन लॉन्च कर दिया है। यह नया फीचर 7 अक्टूबर को मुंबई में हुए Global Fintech Fest के दौरान पेश किया गया। अब यूज़र्स बिना PIN डाले फिंगरप्रिंट या फेस रिकग्निशन के जरिए पेमेंट कर सकेंगे।
क्या है बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन सिस्टमय़
अब तक UPI पेमेंट के लिए हर ट्रांज़ैक्शन में PIN डालना ज़रूरी था। लेकिन अब NPCI ने ऑन-डिवाइस बायोमेट्रिक सिस्टम शुरू किया है, जो यूज़र के फोन में ही काम करेगा। यानी, आपके फोन का फेस ID या फिंगरप्रिंट सेंसर अब UPI पेमेंट को ऑथेंटिकेट करेगा। इसे वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागराजू एम ने लॉन्च किया। NPCI ने बताया कि यह तरीका ज्यादा सुरक्षित, आसान और यूज़र-फ्रेंडली है।
किसे मिलेगा यह फीचर और कैसे काम करेगा
NPCI ने कहा कि यह सुविधा वैकल्पिक (opt-in) होगी। यानी, जो यूज़र चाहें वही इस सिस्टम को चुन पाएंगे। हर ट्रांज़ैक्शन को बैंक की तरफ से क्रिप्टोग्राफिक वेरिफिकेशन के साथ जांचा जाएगा ताकि सुरक्षा का उच्चतम स्तर बना रहे। इस बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल यूज़र्स UPI PIN सेट या रीसेट करने के लिए, और यहां तक कि ATM से कैश निकालने के लिए भी कर सकेंगे।
सीनियर सिटिज़न और नए यूज़र्स के लिए राहत
NPCI के मुताबिक, अब तक UPI PIN बनाने के लिए डेबिट कार्ड डिटेल या आधार OTP वेरिफिकेशन करना पड़ता था। लेकिन अब आधार आधारित फेस ऑथेंटिकेशन से यह प्रक्रिया काफी आसान हो जाएगी। यह सिस्टम सीनियर सिटिज़न्स और पहली बार UPI यूज़ करने वालों के लिए बेहद मददगार साबित होगा, क्योंकि उन्हें अब कार्ड या OTP की झंझट नहीं झेलनी पड़ेगी।
सिक्योरिटी और फ्रॉड से जुड़ी चिंता
हाल के समय में UPI फ्रॉड के कई केस सामने आए हैं। RBI भी बैंकों और फिनटेक कंपनियों को लगातार कह रहा था कि वे PIN या OTP के बजाय दूसरे ऑथेंटिकेशन तरीकों पर काम करें। RBI चाहता था कि बैंक बायोमेट्रिक्स या बिहेवियरल रिस्क पैटर्न जैसे सुरक्षित विकल्प अपनाएं ताकि PIN से जुड़े फ्रॉड्स को खत्म किया जा सके।
कई सालों की तैयारी का नतीजा है यह लॉन्च
दरअसल, NPCI ने 2021 में PayAuth Challenge Hackathon आयोजित किया था, जिसमें कई स्टार्टअप्स को नए ऑथेंटिकेशन तरीकों पर काम करने के लिए कहा गया था। इसमें Tech5, Juspay, MinkasuPay और Infobip जैसे स्टार्टअप्स शामिल थे। बाद में बैंकों ने MinkasuPay के समाधान को प्राथमिकता दी क्योंकि इसके लिए बैंकों को कोई बड़ा बदलाव नहीं करना पड़ा।
UPI का दबदबा
आज भारत में UPI सभी डिजिटल ट्रांज़ैक्शन्स का लगभग 85% हिस्सा कवर करता है। हर महीने करीब 20 अरब ट्रांज़ैक्शन होते हैं जिनकी वैल्यू ₹25 लाख करोड़ से ज़्यादा होती है। बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के आने से UPI और भी सुरक्षित, तेज़ और यूज़र-फ्रेंडली बन जाएगा।