Imran Khan Ex Wife Letter To Elon Musk: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पूर्व पत्नी, जेमिमा गोल्डस्मिथ ने हाल ही में दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलोन मस्क को एक खुला पत्र लिखा है. आखिर क्या सच में उन्होंने एलोन मस्क को पत्र लिखा है या फिर यह एक तरह का AI है, क्या है पूरा मामला जानने के लिए पूरी खबर पढ़िए.
AI और ‘ट्रुथ डेथ’ की बढ़ी चिंता
जेमिमा गोल्डस्मिथ ने अपने पत्र में एलोन मस्क की AI में गहरी भागीदारी को स्वीकार किया और साथ ही उन्हें AI के अनियंत्रित विकास के गंभीर परिणामों के बारे में भी सख्त से सख्त चेतावनी भी दी. तो वहीं दूसरी तरफ गोल्डस्मिथ ने AI द्वारा उत्पन्न डीपफेक (Deepfakes) और गलत सूचनाओं (Disinformation) के प्रसार पर खास तौर से पूरी तरह से ज़ोर दिया गया. साथ ही उन्होंने आगे कहा कि AI, विशेष रूप से जनरेटिव AI, एक ऐसे युग का निर्माण कर रहा है जहां सच और झूठ के बीच का अंतर मिटता जा रहा है, जिसे उन्होंने “ट्रुथ डेथ” या “सत्य की मृत्यु” का नाम दिया है. उनके मुताबिक, यह हमारे लोकतंत्रों के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है.
विनियामक नियंत्रण की मांग
खुले पत्र में, गोल्डस्मिथ ने एलोन मस्क से अनुरोध करते हुए लिखा कि वे अपनी AI पहल पर अधिक विनियामक नियंत्रण (Regulatory Control) को पूरी तरह से लागू कर दें. लेकिन, उनका तर्क यह है कि AI का विकास किसी एक कंपनी या व्यक्ति के हाथ में नहीं रहना चाहिए. तो वहीं, इसके बजाय, इसे सामाजिक भलाई सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शी सिद्धांतों के तहत ही पूरी तरह से नियंत्रित किया जाना चाहिए.
मस्क को पुरानी चेतावनी की दिलाई याद
इसके अलावा उन्होंने मस्क को उनकी पुरानी चेतावनियों की याद दिलाते हुए लिखा कि, जहाँ मस्क खुद AI को ‘मानवता के अस्तित्व के लिए खतरा’ बता चुके हैं. इसते साथ ही गोल्डस्मिथ ने मस्क को आगे याद दिलाया कि उन्हें अपने शब्दों और AI के प्रति उनके वर्तमान कार्यों के बीच के विरोधाभास पर एक बार फिर सेअच्छी तरह से विचार करना चाहिए.
पत्र का कितना पड़ा प्रभाव?
जेमिमा गोल्डस्मिथ का यह पत्र, जो कि एक प्रमुख सार्वजनिक हस्ती द्वारा लिखा गया है, AI डेवलपर्स और नीति निर्माताओं के बीच सुरक्षा और नैतिकता पर एक बार फिर से महत्वपूर्ण बहस का मुद्दा बन गया है. यह पत्र AI के भविष्य पर विचार करने के लिए एक शक्तिशाली आह्वान है, जिसमें तकनीक के लाभों के साथ-साथ उसके खतरों को भी संतुलित करने की सबसे ज्यादा ज़रूरत है.