होम / विश्व के ऐसे 10 बड़े नेता जिनकी सरेआम हुई हत्या, जानें कैसे हुई सुरक्षा में चूक?

विश्व के ऐसे 10 बड़े नेता जिनकी सरेआम हुई हत्या, जानें कैसे हुई सुरक्षा में चूक?

Naresh Kumar • LAST UPDATED : July 8, 2022, 7:19 pm IST
विश्व के ऐसे 10 बड़े नेता जिनकी सरेआम हुई हत्या, जानें कैसे हुई सुरक्षा में चूक?

Shinzo Abe

इंडिया न्यूज, New Delhi News। Shinzo Abe : आज जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी है। उन्हें एक सार्वजनिक कार्यक्रम में गोली मारी गई थी। इस वारदात के बाद से एक बार फिर सुरक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े होने लगे हैं।

बता दें कि इससे पहले भी कई बार नेताओं पर जानलेवा हमले हो चुके हैं। या ये कहें की पहले भी विश्व के कई बड़े नेताओं की सरेआम हत्या कर दी गई है। आज हम आपको ऐसे ही विश्व के 10 बड़े नेताओं के बारे में बताएंगे जिनकी सरेआम हत्या की गई।

1. महात्मा गांधी (मोहनदास करमचंद गांधी/1948)

महात्मा गांधी जिनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। महात्मा गांधी की हत्या 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली स्थित बिड़ला भवन में गोली मारकर की गई थी। बताया जाता है कि वे यहां हररोज प्रार्थना किया करते थे। उस शाम भी वह प्रार्थना के लिए जा रहे थे, तभी नाथूराम गोडसे ने उनके पैर छूने के बहाने उन्हें 3 गोलियां मार दी थी। बता दें कि इस दौरान मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

2. पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (1984)

भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या 31 अक्टूबर 1984 को नई दिल्ली के सफदरजंग रोड स्थित उनके सरकारी आवास पर की गई थी। इस दौरान वे सुबह के करीब साढ़े 9 बजे अपने घर के लॉन में निकली थीं। तभी उनके सिख अंगरक्षकों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने उन पर गोलियां बरसा दीं। यह घटना उस समय की है जब सिखों में आपरेशन ब्लू स्टार और इस दौरान स्वर्ण मंदिर पर की गई सैन्य कार्रवाई से काफी रोष था। यही कारण था कि सिख अंगरक्षकों के द्वारा उन्हें गोली मारी गई।

3. पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी (1991)

राजीव गांधी इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के बड़े बेटे थे। राजीव गांधी पेशे से पायलट थे। छोटे भाई संजय गांधी की हवाई दुर्घटना में मृत्यु के बाद साल 1981 में वह राजनीति में आए थे। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद वह प्रधानमंत्री बने। उन्हें भारत में सूचना क्रांति का जनक माना जाता है।

मतदाताओं की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष करना, महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण भी उन्हीं ने दिया था। 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरुमबुदुर में एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान लिबरेशन टाइगर्स आफ तमिल ईलम की आत्मघाती महिला आतंकी ने उन्हें बम से उड़ा दिया था।

4. जॉन एफ कैनेडी (अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति/1963)

कैनेडी अमेरिका के 35वें और दूसरे सबसे युवा राष्ट्रपति थे। वह 1961 में 43 साल की उम्र में यूएस की सत्ता में आए थे। 22 नवंबर 1963, कैनेडी को सत्ता संभाले अभी करीब 2 साल ही हुए थे कि उत्तरी टेक्सास के डलास शहर में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त वह पत्नी जैकलीन कैनेडी, टेक्सास के गवर्नर जॉन बी. कॉनली और उनकी पत्नी नेली कॉनली के साथ भारी सुरक्षा के बीच खुली कार में दौरा कर रहे थे और लोगों का अभिवादन स्वीकार रहे थे।

दोपहर करीब 12:30 बजे उनका काफिला एक प्लाजा के पास पहुंचा, तभी उन पर 3 राउंड फायरिंग हुई। हमले में राष्ट्रपति को सिर और गर्दन पर दो गोलियां लगीं थीं। गवर्नर कानली भी इस हमले में घायल हुए थे। दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां जॉन एफ. कैनेडी का निधन हो गया। हमले के कुछ देर बाद ही सुरक्षाकर्मियों ने हार्वी ओसवाल्ड नाम के युवक को गिरफ्तार कर लिया था। जॉन एफ. कैनेडी, अमेरिका के सबसे लोकप्रिय राष्ट्राध्यक्षों में से एक हैं। उनकी मौत का रहस्य आज भी बरकरार है।

5. अब्राहम लिंकन (अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति/1865)

अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का कार्यकाल 1861 से 1865 में उनके निधन तक रहा। उन्होंने अमेरिका को सबसे बड़े संकट गृहयुद्ध से बाहर निकाला और दास प्रथा खत्म की। हत्या से 4 दिन पूर्व 11 अप्रैल 1865 को दिए अपने भाषण में उन्होंने कहा था कि अब वक्त आ गया है जब अफ्रीकी-अमेरिकन को भी मताधिकारी दे दिया जाए। इसका मतलब था कि वह नीग्रो लोगों को बराबरी का दर्जा देना चाहते थे, जो कुछ लोगों को मंजूर नहीं था।

15 अप्रैल 1865 को अब्राहम लिंकन को जब गोली मारी गई, वो वाशिंगटन के फोर्ड थियेटर में अवर अमेरिक कजिन नाटक देख रहे थे। उनकी हत्या, उस वक्त थियेटर में मौजूद एक नाट्यकर्मी जॉन वाइक्स बूथ ने सिर के पीछे गोली मार की थी। माना जाता है कि बूथ को राजनीतिक तौर पर हत्या के लिए उकसाया गया था। अमेरिकी सेना ने 10 दिन बाद हत्यारोपी को वर्जीनिया के एक फॉर्म हाउस में मुठभेड़ में मार गिराया। घटना से दो दिन पहले लिंकन ने अमेरिकी राष्ट्रपति की हत्या और व्हाइट हाउस में मातम का सपना देखा था।

6. ओलोफ पाल्मे (स्वीडन के प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधानमंत्री 1986)

ओलोफ पाल्मे स्वीडन की डेमोक्रेटिक पार्टी का नेता था। 14 अक्टूबर 1969 से 8 अक्टूबर 1976 तक वह दो बार स्वीडन के प्रधानमंत्री बने। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी वह सामान्य जीवन जीते थे। वर्ष 1985 में मरणोपरांत उन्हें जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

28 फरवरी 1986 को सेंट्रल स्टॉकहोम स्ट्रीट पर उस समय उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह पत्नी और बेटे के साथ सिनेमाघर से वापस लौट रहे थे। उस वक्त इनके साथ सुरक्षाकर्मी नहीं थे। सादगी पंसद पाल्मे अक्सर सुरक्षाकर्मियों के बिना बाहर निकल जाते थे। हमलावर ने एक गोली ओलोफ पाल्मे को मारी और दूसरी गोली उनकी पत्नी लिसबेथ पाल्मे को मारी थी।

7. मार्टिन लूथर किंग (अमेरिकी नेता/1968)

मार्टिन लूथर किंग, अमेरिका में अश्वेतों के अधिकार की लड़ाई लड़ने वाले प्रमुख नेता रहे हैं। उन्हें अमेरिका का गांधी भी कहा जाता है। शांति के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में भी रंगभेद का मुद्दा उठाया था। 4 अप्रैल 1968 को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

8. बेनजीर भुट्टो (पाकिस्तान की पाकिस्तान/2007)

बेनजीर भुट्टो किसी भी मुस्लिम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। वह पाकिस्तान की 12वीं व 16वीं प्रधानमंत्री रहीं। उनकी हत्या 27 दिसंबर 2007 को की गई थी। उस समय वह रावलपिंडी में एक राजनीतिक रैली कर रहीं थी। इसी दौरान उन्हें आत्मघाती धमाके और गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था।

9. आर्चड्युक फर्डिनेंड (आस्ट्रिया-हंगरी साम्राज्य के उत्तराधिकारी/1914)

 

आर्चड्युक फर्डिनेंड आस्ट्रिया-हंगरी साम्राज्य के उत्तराधिकारी थे। 28 जून 1914 को वह पत्नी होहेनबर्ग संग बोस्निया स्थित साराएवो के दौरे पर थे। इसी दौरान उनकी और उनकी पत्नी की एक सार्वजनिक कार्यक्रम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या को प्रथम विश्व युद्ध की पहली चिंगारी माना जाता है।

10. शेख मुजीबुर्रहमान (बांग्लादेश के प्रथम राष्ट्रपति/1975)

 

शेख मुजीबुर्रहमान बांग्लादेश के प्रथम राष्ट्रपति थे। उनकी हत्या 15 अगस्त 1975 को राष्ट्रपति भवन में परिवार सहित कर दी गई थी। उनकी हत्या बांग्लादेश सेनावाहिनी (बांग्लादेश की सेना) के युवा समूह ने की थी। शेख मुजीबुर्रहमान को बांग्लादेश का जनक भी कहा जाता है। उन्हें बंगबन्धु की पदवी से सम्मानित किया गया था। उनकी हत्या के सैनिक तख्तापलट के मकसद से की गई थी। युवा सैन्य अफसरों की ये टुकड़ी हथियार बंद तो थी ही, ये अपने साथ टैंक लेकर भी राष्ट्रपति भवन पहुंची थी।

ये भी पढ़ें : चंडीगढ़ के कार्मल कॉन्वेंट स्कूल में बच्चों पर गिरा 250 साल पुराना हेरिटेज-ट्री, 10वीं कक्षा की छात्रा की मौत, 19 घायल

ये भी पढ़ें : डॉलर के मुकाबले रुपया 23 पैसे मजबूती के साथ खुला

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

Tags:

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT