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महिला खिलाड़ियों के साथ यौन उत्पीड़न के कितने मामलों पर होती है कार्रवाई और क्या है कानून, जानें

दिल्ली (45 sexual harrasement case reported against women atheltes in ten years): भारतीय खेल जगत में महिला खिलाड़ियों के जो हालात हैं, उसको चित्रित करते हुए अब तक कई फिल्में बन चुकी हैं। जिस देश में क्रिकेट को धर्म मान जाता है वहां महिला क्रिकेट को पहचान बनाने के लिए कई वर्षो तक संघर्ष करना पड़ा। दूसरे खेलों में भी अगर आंकड़ों के हिसाब से बात की जाए तो पुरुष खिलाड़ियों के मुकाबले महिला खिलाड़ियों की संख्या काफी कम होती हैं। ज्यादातर खिलाड़ी अपने देश में गरीब परिवारों से आते हैं। उन्हें खेल के साथ अपना घर चलाने के लिए आर्थिक रूप से संघर्ष करना पड़ता है। इन सब चुनौतियों के साथ खिलाड़ियों को विशेषकर महिला खिलाड़ियों को अभद्रता, यौन शोषण और क्षेत्रवाद का सामने भी करना पड़ता हैं ।

18 जनवरी को दिल्ली के जंतर मंतर पर 30 पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह धरना देना शुरू किया था। इन खिलाड़ियों ने WFI अध्यक्ष पर कई आरोप लगाए इनमें से एक आरोप धरने पर बैठी रेसलर विनेश फोगाट ने भी लगाया। उन्होंने कहा “मैं खुद महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के 10-20 केसों के बारे में जानती हूं। यहां तक कि वह सबूत पेश करने को भी तैयार हैं। जब हाईकोर्ट हमें निर्देश देगा तब हम सभी सबूत पेश करेंगे। हम पीएम को भी सभी सबूत सौंपने को तैयार हैं।”

10 साल में 45 मामले

विनेश फोगाट ने जो आरोप लगाया वह कोई पहली बार नही लगाया गया, महिला खिलाड़ियों के साथ यौन शोषण के काफी मामलें पहले भी देखें गए हैं। इनमें से कुछ में कार्रवाई हुई, कुछ में आरोपी निर्दोष साबित हुए तो कुछ में उन्हें छोटी मोटी सजा हुई। साल 2020 में अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की तरफ से आरटीआई और आधिकारिक रिपोर्ट से पता चलता है की 10 सालों में यानी साल 2009 से लेकर 2019 तक भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) में यौन उत्पीड़न के कम से कम 45 मामले सामने आए थे। यह मामले 24 अलग-अलग इकाइयों से रिपोर्ट किए गए थे।

2022 में 30 शिकायत

इसके अलावा केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के अनुसार साल 2018 – 19 में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) को 17 यौन शोषण की शिकायतें मिलीं। 2018 में 7 और 2019 में 6 शिकायतें महिला खिलाड़ियों की तरफ से मिली थी। 45 मामलों में से 29 शिकायत कोचों के खिलाफ हुए थी। महिला सशक्तिकरण पर एक संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि “महिला खिलाड़ियों के साथ हुए यौन शोषण की यह संख्या और भी ज्यादा हो सकती है क्योंकि कई बार कोचों के खिलाफ मामले दर्ज ही नहीं होते हैं।” राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए जुलाई 2022 में सरकार की तरफ से कहा गया कि भारतीय खेल प्राधिकरण में कोचों और कर्मचारियों के खिलाफ महिला खिलाड़ियों के साथ यौन उत्पीड़न की 30 शिकायतें मिली थीं, इनमें से 2 गुमनाम शिकायतें भी थीं.

नही होती सख्त कार्रवाई

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार ऐसे मामले ज्यादातर जिमनास्टिक, एथलेटिक्स, भारोत्तोलन, मुक्केबाजी और कुश्ती में देखने को मिलते हैं। इनमें से ज्यादातर मामलों में आरोपियों को तबादलों और वेतन या पेंशन में मामूली कटौती की सजा देकर छोड़ दिया जाता है। कुछ शिकायतें को ऐसी है इनमें सालों से जांच चल रही है पर कार्रवाई के काम पर कुछ ख़ास हुआ नही।

शिकायतों के कुछ उदहारण

1. जून 2022 में स्लोवेनिया में हो रहे एक प्रशिक्षण शिविर के दौरान एक महिला साइकिलिस्ट ने नेशनल टीम के मुख्य कोच आरके शर्मा पर यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। कार्रवाई के नाम पर कोच का कॉन्ट्रैक्ट समाप्त कर उसे बर्खास्त कर दिया था।

2. साल 2015 में झारखंड के बोकारो जिले में ताइक्वांडो की एक खिलाड़ी ने अपने कोच पर यौन शोषण का दबाव बनाने का मामला दर्ज कराया था। खिलाड़ी का कहना था कि उनका कोच खेलने का मौका देने के बदले खिलाड़ी के साथ फिजिकल होना चाहता था।

3. हरियाणा के खेल राज्य मंत्री और पूर्व हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह पर कुछ दिन पहले ही महिला खिलाड़ी के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप लगे थे। इस आरोप के बाद संदीप सिंह से अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

क्या है कानून

कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न को लेकर पॉश एक्ट 2013 संसद में पास किया गया। इस कानून के तहत जहां भी 10 से ज़्यादा लोग काम करते हैं वहां एक आंतरिक शिकायत समिति बनानी होगी। इसका काम यौन उत्पीड़न की शिकायतों का निपटारा करना होगा। यह समिति शिकायतों की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट तैयार करती हैं।

अगर शिकायत सही पाई जाए तो समिति को पुलिस में शिकायत दर्ज कराना होता है। कानून के अनुसार, जांच के दौरान महिला तीन महीने की छुट्टी ले सकती है या फिर दफ़्तर की किसी और शाखा में अपना तबादला करा सकती है। वही अगर शिकायत गलती पाई जाती है तो शिकायत करने वाले पर भी कार्रवाई होती है।

Roshan Kumar

Journalist By Passion And Soul. (Politics Is Love) EX- Delhi School Of Journalism, University Of Delhi.

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