Acharya Pramod Krishnam: विपक्ष के नेताओं द्वारा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम का बयान सामने आया है। उन्होंने एक बार फिर इसे दुर्भाग्य पूर्ण बताया। उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्य का विषय है…राम के निमंत्रण को तो कोई ईसाई, पादरी, मुसलमान भी नहीं ठुकरा सकता।
उन्होंने राम भारत की आत्मा हैं। बताते हुए कहा, राम के निमंत्रण को ठुकराने का मतलब भारतीय संस्कृति और सभ्यता का अपमान करना है, राम के निमंत्रण को ठुकराने का मतलब भारत की अस्मिता को चुनौती देना है। राम के बिना ना भारत की कल्पना की जा सकता है, ना भारत के लोकतंत्र की।
बता दें कि 22 जनवारी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन कार्यक्रम होने जा रहा है। इस कार्यक्रम को लेकर राम मंदिर ट्रस्ट ने विपक्ष के तमाम दलों और नेताओं को निमंत्रण दिया है। वहीं कुछ विपक्षी के नेताओं ने इस निमंत्रण पत्र को अस्विकार किया है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों का कहना है कि बीजेपी इसे राजनीतिक कार्यक्रम बना रही है।
पीएम मोदी को दिया राम निर्माण श्रेय
वहीं, कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम से निवेदन करते हुए कहा, आप भाजपा से लड़ो राम से मत लड़ो, भाजपा से लड़ो सनातन से मत लड़ो, भाजपा से लड़ो भारत से मत लड़ो। उन्होंने आगे कहा, “मंदिर का जो निर्माण हुआ है वो अदालत के फैसले से हुआ है… सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया और भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण शुरु हुआ और कल उसकी प्राण प्रतिष्ठा है…अगर मोदी देश के प्रधानमंत्री ना होते तो ये फैसला ना हो पाता और यह मंदिर नहीं बन पाता….मैं राम मंदिर के निर्माण और इसके प्राण प्रतिष्ठा के शुभ दिन का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को देना चाहता हूं.”