संबंधित खबरें
Himachal BPL Rules: सरकार ने बदली 'गरीबी' की परिभाषा, जानें अब कौन कहलाएगा गरीब? BPL के नए नियम जारी
नए साल पर घूमने जानें से पहले पढ़े UP-NCR की ट्रैफिक एडवाइजरी, ये हैं रूटों का प्लान
Maha Kumbh 2025: कुंभ की तैयारियों को देख अखिलेश ने बांधे तारीफों के पुल, बोले- कमियों की तरफ खींचते रहेंगे ध्यान
kota Night Shelters: खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर लोग, अब तक नहीं किया गया रैन बसेरे का इंतजाम
Kotputli Borewell Rescue: 65 घंटे से बोरवेल में फंसी मासूम चेतना, रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी, मां की बिगड़ी तबीयत
Ajmer Bulldozer Action: दरगाह के पास चला निगम का पीला पंजा, अवैध अतिक्रमण साफ, कार्रवाई से क्षेत्र में मचा हड़कंप
इंडिया न्यूज, Kabul News । Afghanistan : अफगानिस्तान पर तालिबान का राज होने के बाद भारत के इस देश के साथ पहले की तरह रिश्ते नहीं रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद अफगानिस्तान के लोग भारत को अपना सबसे अच्छा दोस्त मानते हैं। एक सर्वे में यह जानकारी सामने आई है। हाल ही में ब्रसेल्स स्थित न्यूज वेबसाइट यूरोपियन यूनियन ने यह सर्वेक्षण किया है।
यूनियन के रिपोर्टर से प्राप्त जानकारी अनुसार सर्वे में अफगानिस्तान के लोगों के साथ उनके विगत समय, भविष्य व वर्तमान समय पर सवाल किए गए थे। इन लोगों ने जवाब में कहा, हम भारत को अफगानिस्तान के सबसे बेहतरीन सहयोगी व दोस्त के तौर पर देखते हैं। सर्वेक्षण के डेटा के अनुसार अफगानिस्तान के 67 प्रतिशत लोग मानते हैं कि अमेरिका के बगैर किसी प्लान अफगानिस्तान से वापसी ने उनके देश में मुश्किलें पैदा कीं।
अफगानियों का कहना है कि अमेरिका के अचानक और गलत समय पर अफगानिस्तान से निकलने के कारण चीन और पाकिस्तान को मौका मिल गया। लोगों ने कहा कि इन दोनों देशों ने ही चीन को प्रोत्साहित किया ताकि वह अफगानिस्तान पर अपना कब्जा कर सके।
बता दें कि अफगानिस्तान को सबसे ज्यादा मदद देने वाले देशों में भारत का पांचवां स्थान है। भारत की तरफ से अफगानिस्तान को बतौर मदद तीन अरब डालर दिए गए हैं। तालिबान के कब्जे के बाद भी भारत ने बड़े पैमाने पर अफगानिस्तान को मदद भेजी है। बड़ी मात्रा में गेहूं भारत की ओर से अफगानिस्तान भेजा गया है।
अहम बात यह है कि अफगानिस्तान के लोगों ने वहां की पिछली सरकारों पर भी राय जाहिर की है। सर्वे में शामिल 78 फीसदी लोगों का कहना है कि पिछली सरकार भी भ्रष्ट थी और विदेशों से आई मदद आम लोगोंं तक नहीं पहुंच पाती थी। वहीं 72 फीसदी लोगों के अनुसार स्थानीय नेताओं के भ्रष्ट होने के चलते ही तालिबान को देश पर कब्जा करने का मौका मिला।
अफगानिस्तान और भारत के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक भी संबंध हैं। इसके अलावा दोनों देशों के बीच गहरे रणनीतिक हित भी हैं और इसी मकसद से भारत ने बड़े पैमाने पर वहां निवेश किया है।
पाकिस्तान की ओर से भारत व अफगानिस्तान के संबंधों को कमजोर करने के लिए कई बार कोशिशें की गई हैं, लेकिन इसके बाद भी दोनों देशों के रिश्तों में ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है। यहां तक कि मौजूदा समय में अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान ने भी भारत से अपने रिश्तों को सुधारने की अपील की है।
भारत ने अफगानिस्तान में इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए भी मदद की है। इसके अलावा मेडिकल स्टाफ व खाद्यान्न तक में भारत ने अफगानिस्तान की मदद की है। अफगानिस्तान की नई संसद भी भारत ने ही बनवाई है। पिछले दिनों संसद को गिफ्ट किया गया था। बड़ी संख्या में अफगानिस्तान के नागरिक इलाज के लिए भी भारत आते रहे हैं।
इसके अलावा भारतीय विश्वविद्यालयों और कालेजों में भी अफगानिस्तान के लोगों की अच्छी खासी संख्या है। गौरतलब है कि देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री अकादमी में भी अफगान के कैडैट ट्रेनिंग लेते रहे हैं।
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
ये भी पढ़े : ओडिशा में 70 से 200 मिमी. बारिश होने के आसार, आगामी 3 दिनों के लिए अलर्ट जारी
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.