इंडिया न्यूज, Islamabad News। China Will Send Soldiers To Pakistan : मंगलवार को चीन अपने जासूसी जहाज युआन वांग-5 को हंबनटोटा बंदरगाह पर पहुंचाने में कामयाब हो गया है। इसके बाद अब चीन पाकिस्तान में अपनी सेना भेजने की योजना बना रहा है। बता दें कि चीन ने संघर्ष-ग्रस्त पाकिस्तान-अफगानिस्तान क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश किया है। इस इलाके में चीन ने महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत खूब पैसे लगाए हैं।
लेकिन आए दिन यहां चीनी कामगारों पर हमले भी हुए हैं। अब इस क्षेत्र में अपने हितों की रक्षा करने के लिए चीन विशेष रूप से बनाई गई चौकियों में अपने स्वयं के सैनिको को तैनात करना चाहता है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान के रास्ते चीन मध्य एशिया में अपने प्रभाव का विस्तार करना चाहता है।
बता दें कि चीन का जासूसी में पारंगत यह उच्च तकनीक वाला रिसर्च जहाज युआन वांग-5 मंगलवार को हंबनटोटा बंदरगाह पर पहुंच गया है। बता दें कि यह बंदरगाह बीजिंग ने श्रीलंकाई सरकार से पट्टे पर लिया है। चीन का यह जासूसी जहाज बैलेस्टिक मिसाइल एवं सेटेलाइट का पता लगाने में सक्षम है।
चीन के जहाज के श्रीलंकाई बंदरगाह पहुंचने को लेकर भारत चिंतित है और यह चीन द्वारा संकेत है कि वह क्षेत्र में समुद्री प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। कोलंबो में श्रीलंकाई अधिकारियों ने बताया कि पोत युआन वांग-5 रणनीतिक रूप से अहम स्थान पर बंदरगाह पर लगभग एक हफ्ते तक ठहरेगा।
आपको बता दें कि दोनों ही देश श्रीलंका और पाकिस्तान पहले से चीन के कर्ज के बोझ के निचे दबे हुए हैं। यहीं कारण है कि भारत के विरोध के बाद भी श्रीलंका चीन को नहीं रोक पाया। यही नहीं दोनों ही देशों पर अब यह कर्ज और भी अधिक बढ़ता जा रहा है।
जानकारी मुताबिक पाकिस्तान में चीन का निवेश 60 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है। पाकिस्तान न केवल वित्तीय बल्कि सैन्य और राजनयिक समर्थन के लिए भी चीन पर निर्भर है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने पाकिस्तान पर उन चौकियों के निर्माण की अनुमति देने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है जहां वह अपने सैनिकों को तैनात करेगा। तालिबान शासित अफगानिस्तान अभी भी कई मामलों में चीन और पाकिस्तान दोनों की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाया है।
इस्लामाबाद में शीर्ष राजनयिक और सुरक्षा सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सैन्य चौकियों को स्थापित करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है।
मिली जानकारी अनुसार चीनी राजदूत नोंग रोंग ने इस संबंध में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ बैठकें की हैं।
राजदूत रोंग इस साल मार्च 2022 के अंत तक पाकिस्तान में नहीं थे, केवल हाल ही में देश में आए हैं। हालांकि, जिस बैठक में उन्होंने चीनी सेना के लिए चौकियों के निर्माण की मांग की, वह शायद नई सरकार और राज्य के प्रतिनिधियों के साथ राजदूत रोंग की पहली औपचारिक बैठक थी।
सूत्र ने बताया कि चीनी राजदूत लगातार चीनी परियोजनाओं की सुरक्षा और अपने नागरिकों की सुरक्षा पर जोर देते रहे हैं। चीन पहले ही ग्वादर में सुरक्षा चौकियों की मांग कर चुका है और अपने लड़ाकू विमानों के लिए ग्वादर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का इस्तेमाल करने के लिए भी इजाजत मांग चुका है। सैन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल की जा सकने वाली फैसिलिटी जल्द ही चालू होने वाली है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.