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इंडिया न्यूज, Guwahati News। Union Home Minister Amit Shah: गुरुवार को पूर्वोत्तर के 8 आदिवासी उग्रवादी समहों ने गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में भारत और असम सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते में उग्रवादी समूहों ने शांति बनाए रखने में सरकार का सहयोग करने की बात कही है। समझौते की जानकारी देते हुए असम के मुख्यमंत्री ने बताया कि 1170 उग्रवादी समर्पण करेंगे। 300 से ज्यादा ऑटोमेटिक वेपर सरकार को सौंप दिए जाएंगे।
वहीं इस दौरान असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर में जो काम हो रहा है उससे यह देश की अष्टलक्ष्मी बनेगा। सरमा ने मदरसों को तोड़ने को लेकर कहा कि जहां भी गड़बड़ हुआ है वहीं ऐसी कार्रवाई की गई है।
वहीं उग्रवादी समूहों के साथ समझौते के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार 2024 तक हर विवाद को खत्म करना चाहती है और पूर्वोत्तर में शांति बहाल करना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस समझौते से जनजाति समूहों को न्याय मिलेगा और आगे बढ़ने का मौका भी मिलेगा।
केंद्र और असम सरकार के साथ समझौता करने वाले समूहों में आदिवासी नेशनल लिबरेशन आर्मी, आदिवासी कोबरा मिलिटेंट, बिरसा कमांडो फोर्स, आदिवासी पीपल्स आर्मी, संथाल टाइगर फोर्स शामिल हैं। बीसीएफ-बीटी, एसीएमए-एफजी ने भी समझौते पर साइन किए हैं।
इसके अलावा 2 ऐसे भी उग्रवादी संगठन हैं जिन्होंने समझौते से दूरी बना ली। इसमें प्रतिबंधित उल्फा का कट्टरपंथी गुट कामतापुर लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन शामिल हैं। बता दें कि उल्फा से भी सरकार ने बातचीत शुरू की थी।
हर साल यह संगठन स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बंद का आह्वान करता था लेकिन पिछले साल उसने ऐसा नहीं किया था। इस साल फिर उसने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बंद का आह्वान किया था।
मार्च के महीने में केंद्र सरकार ने दावा किया था कि पूर्वोत्तर के राज्यों में 2014 के मुकाबले हिंसा में 74 प्रतिशत की कमी आई है। सरकार ने कहा था कि आम नागरिकों के मारे जाने की घटनाओं में 89 प्रतिशत की और सुरक्षा बलों के कर्मियों के मारे जाने की घटनाओं में 60 प्रतिशत की कमी आई है। गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि कई विद्रोही समूह बातचीत के लिए आगे आ रहे हैं और उन्होंने हिंसा रोक दी है।
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