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इंडिया न्यूज़ (अहमदाबाद,Ahmedabad In Times Magazine):अहमदाबाद,स्वतंत्रता के पहले से ही कपास की मिलों और वस्त्र उद्योगों से जीवंत और गतिशील है,यह शहर गुजरात का विकास इंजन है,किसी दौर में भारत का मैनचेस्टर कहे जाने वाले इस शहर को यूनेस्को ने 2017 में ‘विश्व विरासत शहर’ का दर्जा दिया था,अब इस खूबसूरत शहर को टाइम मैगजीन ने ‘विश्व के महानतम स्थान-2022’ की सूची में शामिल किया है,अहमदाबाद जीवंत संस्कृति, कला,परंपराओं और उत्साहपूर्ण जीवन से भरा एक गतिशील शहर है.
टाइम मैगजीन ने ‘विश्व के महानतम स्थान-2022’ की सूची में भारत के एकमात्र ‘यूनेस्को हेरिटेज सिटी’ अहमदाबाद को शामिल किया है,साबरमती नदी के तट पर बसा अहमदाबाद आधुनिकता के साथ वैभवशाली अतीत के आकर्षण का अनूठा संगम स्थान है, सिदी सैयद की जाली की मनमोहक नक्काशी से लेकर दुनिया के सबसे बड़े नरेन्द्र मोदी स्टेडियम तक,अहमदाबाद में विविधतापूर्ण स्थलों का समन्वय है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भी इस शहर की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। महात्मा गांधी ने 12 मार्च, 1930 को साबरमती आश्रम से नमक सत्याग्रह की शुरुआत की थी.
कम ही लोग यह जानते हैं कि 11वीं शताब्दी में शासक आशा भील के नाम पर इस शहर को आशावल भी कहा जाता था। स्वदेशी अमदावादी साड़ी अभी भी आशावली साड़ी के रूप में जानी जाती है। यह क्षेत्र मौजूदा जमालपुर दरवाजा से होकर केलिको मिल से आस्टोडिया दरवाजा तक फैला है, जो ‘आशा भील ना टेकरा’ के नाम से जाना जाता था। आज का अहमदाबाद का परकोटा क्षेत्र आशावली साड़ियों की बुनाई का केंद्र था। पुराने अहमदाबाद शहर की विख्यात हेरिटेज वॉक आपको पोल यानी संकरी गलियों में ले जाएगी और पुराने शहर के इतिहास और जीवन से परिचित कराएगी। इसके साथ ही पुराने शहर की कई इमारतों में फ्रेंच और पर्शियन वास्तुकला के अनूठे नमूनों को देखा जा सकता है.
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गत वर्ष अहमदाबाद स्थित साइंस सिटी में लगभग 400 करोड़ रुपए के खर्च से निर्मित नए आकर्षणों का उद्घाटन किया था। भारत की सबसे बड़ी एक्वाटिक गैलरी में विभिन्न समुद्री वनस्पति और जलचर सृष्टि को प्रदर्शित करने के लिए 260 करोड़ रुपए के खर्च से 68 टैंक बनाए गए हैं। इसके अलावा,पानी के अंदर चलने का अद्भुत मार्ग भी बनाया गया है, जो आगंतुकों को यादगार अनुभव देता है। 127 करोड़ रुपए के खर्च से 11,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में निर्मित रोबोटिक गैलरी में 79 प्रकार के 200 से अधिक रोबोट हैं। इस गैलरी में ह्यूमनॉइड रोबोट हैं,जो दिखने में मनुष्य की तरह होते हैं और आसपास के लोगों के साथ बातचीत भी करते हैं। यह गैलरी आज बच्चों और युवाओं के आकर्षण का केंद्र बनी है। इसके साथ ही 20 एकड़ क्षेत्र में फैले नेचर पार्क का भी उद्घाटन किया गया था।
इतना ही नहीं, अहमदाबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन के परिसर में स्थित काइजेन अकादमी में एक आकर्षक जेन गार्डन है, जिसका निर्माण जापानी शैली में किया गया है। इस गार्डन के बारे में एक रोचक बात यह है कि इसे प्राचीन और आधुनिक अहमदाबाद की वास्तुकला के आधार पर डिजाइन किया गया है.
जेन गार्डन से 10 मिनट की दूरी पर स्थित लॉ गार्डन में आपको स्थानीय कला और परंपरागत पोशाकों का खजाना देखने को मिलेगा। रंग-बिरंगे पारंपरिक पोशकों से सजे इस क्षेत्र में नवरात्रि के दौरान भारत के विभिन्न हिस्सों से हजारों लोगों खरीदारी को उमड़ पड़ते हैं। असली गुजराती व्यंजनों का लुत्फ उठाने के लिए पुराने शहर में स्थित एमजी हाउस एक श्रेष्ठ स्थल है। आपको उस क्षेत्र के आसपास 7 दशकों से भी अधिक समय से विभिन्न तरह की स्वादिष्ट मिठाइयां बेचने वाली दुकानें नजर आएंगी.
इसके अलावा, एशिया के श्रेष्ठ प्रबंधन संस्थानों में से एक भारतीय प्रबंध संस्धान (आईआईएम) भी अहमदाबाद की शान है। उसका पुराना कैम्पस भी देखने लायक स्थल है, इसे विख्यात वास्तुकार लुईस कान द्वारा डिजाइन किया गया है। अन्य देखने योग्य स्थलों में साबरमती रिवरफ्रंट,माणेक चौक और पतंग बाजार जैसे स्थल प्रमुख हैं.
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