इंडिया न्यूज़ (लखनऊ, Allahabad HC imposes Rs 25 thousand fine on state govt): इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने शनिवार को एक जनहित याचिका (पीआईएल) का जवाब सात साल में दाखिल नहीं करने के लिए राज्य सरकार पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
याचिका 2015 से लंबित थी, लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक मामले में कोई जवाबी हलफनामा दायर नहीं किया, जिसके बाद अदालत ने जुर्माना लगाया। कोर्ट ने सरकार को जवाब न देने पर जिम्मेदार अधिकारी से मुआवजे की राशि वसूलने की छूट भी दी है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि भुगतान की राशि हाईकोर्ट के मध्यस्थता केंद्र में जमा की जाए।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की खंडपीठ और गुरु प्रसाद द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर पारित किया गया। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 21 फरवरी को सूचीबद्ध की है और सरकार से जवाब मांगा है, ऐसा नहीं करने पर प्रमुख सचिव को राजस्व न्यायालय में पेश होना होगा।
इससे पहले हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने गन्ना किसानों के हित में अहम फैसला लेते हुए यूपी सरकार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। मामला गन्ना किसानों के भुगतान को लेकर था। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया गया।
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