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India News ( इंडिया न्यूज़ ) America Vs China : दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देश अमेरिका (US) और चीन (China) में आपसी तनाव बढ़ता ही जा रहा है। अमेरिकी संसद (US Senate) ने चीन को आज आर्थिक रूप से तगड़ा झटका तब दिया, जब एक नए कानून को मंजूरी दी। उस कानून के मुताबिक, चीन से विकासशील देश का दर्जा छिन जाएगा। अमेरिका के इस कदम का चीन की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। वर्ल्ड बैंक और दूसरे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से उसे अब आसानी से और कम ब्याज पर लोन नहीं मिल सकेगा। अभी तक चीन विकासशील देश (डेवलपिंग कंट्री) के दर्जे की वजह से खुद तो आसान और सस्ता कर्ज लेता था, लेकिन गरीब देशों को कठोर शर्तों पर लोन देकर अपने जाल में फंसा लेता था।
सीनेट में बताया गया कि चीन ने अमेरिका और दुनिया की आंखों में धूल झोंकी है। उसने डेवलपिंग कंट्री स्टेटस का नाजायज फायदा उठाया। हम उसे डेवलपमेंट असिस्टेंस यानी विकास के लिए मदद देते रहे, बेहद सस्ता लोन देते और दिलाते रहे और वो अमेरिका को ही चैलेंज करता रहा। चीन ने जो सस्ता कर्ज हासिल किया, उसका इस्तेमाल ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ में किया गया। सस्ता कर्ज लेकर उसने इसे गरीब देशों को महंगी ब्याज दरों पर दिया। इसका नुकसान ये हुआ कि गरीब और विकासशील देश चीन के कर्ज जाल में फंसते चले गए। अब वो इन देशों की जमीन और संस्थानों पर कब्जा कर रहा है।
अमेरिकी डिफेंस डिपार्टमेंट के अफसर पैट्रिक क्रोनिन ने अप्रैल में ‘अल जजीरा’ चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था- चीन बेहद शातिर है। उसने डेवलपिंग कंट्री स्टेटस का फायदा उठाया और इसके जरिए दुनिया के इकोनॉमिक स्ट्रक्चर को तबाह कर दिया। गरीब देशों को कर्ज जाल में फंसा लिया। हडसन इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर रिक जॉय कहते हैं- शी जिनपिंग और उनकी सरकार को लगता है कि दुनिया उनकी हरकतों को समझ नहीं पा रही है। ये उनकी सबसे बड़ी गलतफहमी है और यही उनके लिए तबाही का सबब बनेगी। इंडो-पैसिफिक में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया उसका रास्ता रोक देंगे और वह इन चार देशों से जंग करने के बारे में सोच भी नहीं सकता।
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