India News ( इंडिया न्यूज़ ) Nepal Vs China MCC Compact: नेपाल में अमेरिका के सहयोग वाली परियोजना मिलेनियम चैलेंज कॉर्पोरेशन (एमसीसी) को लागू करने से पहले ही खूब बवाल मच रहा है। बता दें इसके पहले भी प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार में खलबली मची हुई थी। अब प्रचंड की सरकार में शामिल एक पार्टी ने एमसीसी को पूरी तरह से लागू करने पर समर्थन वापस लेने की धमकी दी है। वहीं नेपाल के कम्युनिस्ट पार्टी के नेता नेत्र विक्रम चंद (बिप्लव) का एक बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा कि जब तक अमेरिका से इस समझौते को लेकर लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता, तब तक इसे लागू नहीं होने देंगे।
Nepal में अमेरिकी MCC के खिलाफ है China
इस फैसले को लेकर चीन बिल्कुल भी नहीं चाहता कि वह अमेरिका के एमसीसी को नेपाल में लागू होए। बता दें इस कारण चीनी कम्युनिस्ट पार्टी नेपाल की राजनीतिक पार्टियों को उकसा रही है। चीन ने पहले विपक्षी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस परियोजना के विरोध के लिए जमकर समर्थन दिया। अब वह सरकार में शामिल दूसरी कम्युनिस्ट पार्टियों पर ऐसा करने के लिए दवाब बना रही है। इसलिए चीन जानता है कि इस परियोजना के नेपाल में लागू होते ही भारत और अमेरिका को खूब बढ़ोतरी मिल जाएगी। इसीलिए चीन जुटा हुआ है पूरी कोशिश में इस परियोजना को लागू न होने दे।
जानिए क्या है MCC
चलिए आज हम आपको बताते हैं एमसीसी क्या है। बता दें, मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन (MCC) अमेरिका की एक इनोवेटिव और स्वतंत्र विदेशी सहायता एजेंसी है जो विकासशील देशों को आर्थिक सहायता देकर उन्हें बुरे समय में लड़ने से मदद करती है। इसे जनवरी 2004 में अमेरिकी कांग्रेस द्वारा बनाया गया था। एमसीसी दुनिया के कुछ सबसे गरीब, मगर सुशासन, आर्थिक स्वतंत्रता और अपने नागरिकों में निवेश के लिए प्रतिबद्ध देशों के साथ ही आर्थिक सहयोग करता है। इससे कई गरीबों की मदद भी होती है।
ये भी पढ़े- Russia Vs Ukraine War : रूसी एयरपोर्ट पर यूक्रेन ने किया ड्रोन से हमला, 4 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट प्लेन तबाह