Amritpal Singh Case: पंजाब के कट्टरपंथी उपदेशक और ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस पकड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं। इस मामले में पंजाब में अलगाववादियों पर पुलिस के क्रैकडाउन से विदेश में रहने वाले खालिस्तान समर्थक बुरी तरह से बौखला गए हैं। सोमवार (20 मार्च) को अलगाववादियों ने अमेरिका में भारतीय दूतावास पर हमला किया है।

हमलावरों ने दीवार पर लिखा- ‘फ्री अमृतपाल’

बताया गया कि खाल‍िस्‍तानी समर्थक सैन फ्रांसिस्को में स्थित भारत के वाणिज्यिक दूतावास पर पहले प्रदर्शन करने के लिए वहां पहुंचे थे फिर उसके बाद उन लोगों ने हमला बोल दिया। इस दौरान उन्होनें दूतावास के अंदर घुसकर वहां लगे बैरियर को तोड़ दिए। इतना ही नहीं हमलावरों ने दूतावास के बाहर की दीवार पर स्प्रे से बड़े-बड़े अक्षरों में ‘फ्री अमृतपाल’ भी पेंट किया।

भारत ने हमले को लेकर व्यक्त की प्रतिक्रिया

दूतावास पर हमले के बाद भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। भारत ने दिल्ली में अमेरिका के विदेश मामलों के प्रभारी के साथ बैठक कर अपना विरोध दर्ज कराया। इस मीटिंग में भारत ने अमेरिका को राजनयिक प्रतिनिधित्व की सुरक्षा का दायित्व याद दिलाया। बैठक में भारत ने कहा कि ‘इस तरह की घटनाएं आगे न हों, इसके लिए अमेरिका फौरन जरूरी कदम उठाए।’

अमेरिका ने दिलाया सुरक्षा का विश्वास 

भारत की प्रतिक्रिया के बाद अमेरिका ने दूतावास पर हमले की निंदा की है। अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि ‘अमेरिका भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता है।’ हम दूतावास में काम करने वाले कर्मचारियों और राजनयिकों को भरोसा दिलाते हैं कि अमेरिका उनकी सुरक्षा के प्रति सचेत है और आगे से सुरक्षा देने की प्रतिज्ञा लेता है।

इस तरह की घटनाएं अस्वीकार

वहीं व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने हमले की निंदा करते हुए कहा है कि इस तरह की घटनाएं बिल्कुल अस्वीकार है। उन्होंने कहा कि स्टेट डिपार्टमेंट की डिप्लोमैटिक सिक्योरिटी सर्विस मामले की जांच करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ काम कर रही है।

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