उत्तरप्रदेश (Bad condition of the family of constable Sandeep): उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में हुई सनसनीखेज वारदात ने पूरे देश में भय और शोक का माहौल बना दिया है। दिन दहाड़े हुए ये हत्या किसी वेब सीरीज जैसा है। इस घटना के वीडियो क्लीप को देखने के बाद ये यकिन करना मुश्किल है कि ये किसी फिल्म या सीरीज का दृश्य नहीं बल्की वारदात है जिसे दिन दहाड़े बिना किसी खौफ के अंजाम दिया गया है। ऐसे में इस हत्याकांड में जान गंवाने वाले यूपी पुलिस के सिपाही संदीप निषाद का परिवार अकेला पड़ गया है। बता दें संदीप आजमगढ़ के रहने वाले थे। गनर संदीप ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान की बाजी लगा दी। उमेश पाल को मारने आए बदमाशों के आगे संदीप सुरक्षा में ढाल बनकर खड़े रहे। ऐसे में इस दौरान बदमाशों ने गनर संदीप को भी अपनी गोली और बम से शिकार बना लिया और इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।

  • आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को नौकरी की मांग
  • संदीप निषाद की मृत्यु से दुख में डूबे परीवार
  • आजमगढ़ के रहने वाले थे संदीप

संदीप का परिवार पुलिस विभाग से मिलने वाले पैसे पर था आश्रित

शुक्रवार को हत्याकांड के बाद जहां एक ओर प्रयागराज के स्वरूपरानी हॉस्पिटल स्थित पोस्टमार्टम हाउस के बाहर उमेश पाल के समर्थकों की भारी भीड़ जमा थी, तो वहीं इस घटना में बदमाशों की गोली से मरने वाले सिपाही का परिवार अकेले में खड़ा था। बता दें संदीप के पिता संतलाल निषाद और भाई प्रदीप निषाद के साथ चंद रिश्तेदार ही पीएम हाउस के बाहर मौजूद थे।बता दें घटना में शिकार हुए संदीप निषाद पिता के पिता संतलाल पेशे से किसान हैं। संदीप अपने 3 भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। संदीप का परिवार पुलिस विभाग से मिलने वाले पैसे पर ही आश्रित था। नौकरी से मिलने वाली सैलरी से सिपाही संदीप अपने परिवार का पालन पोषण किया करते थे। वे छोटे भाई को पढ़ा-लिखा भी रहे थे।

बेटे के बीना जीवन जीना बेहद मुश्किल

गनर संदीप निषाद की मृत्यु से दुख में डूबे परीवार का कहना है कि बेटे के बीना जीवन जीना बेहद मुश्किल है। वही हमारे परिवार की रोजी-रोटी का एक जरिया था। लिहाजा, जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से यह मांग है कि हमारे परिवार को आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।

सीसीटीवी फुटेज के अनुसार हमले की पूरी कहानी

बता दें कि बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके गनर संदीप निषाद की हत्या महज 44 सेकंड के भीतर कर दी गई थी। बेखौफ बदमाशों में एक बदमाश पहले से उमेश का पास की दुकान में इंतजार कर रहा था। उमेश पाल के गाड़ी से उतरते ही शूटर्स ने फायरिंग कर दी थी। सुरक्षा गार्ड संदीप निषाद ढाल बने तो उनको भी गोली मार दी गई। घटनास्थल से मिले सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, गोली लगने के बाद भी उमेश पाल अपने घर की तरफ भागते हैं, लेकिन बदमाश पीछा करते हुए तंग गली में घुसकर फायरिंग करते हैं और बम फोड़ते हैं। वहीं, गोली लगने से कार के पास मूर्छित पड़े गनर संदीप निषाद भी गली में भागते हैं, जिनको निशाना बनाते हुए बदमाशों ने गली में बम मार दिया। फिर घायल अवस्था में संदीप, उमेश के घर के बाहर गिर पड़ते हैं।

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