होम / Top News / "डूबते शहर" जोशीमठ में आफत से पहले निवासियों ने सरकार को किया था सचेत, नहीं हुई थी कोई कार्रवाई

"डूबते शहर" जोशीमठ में आफत से पहले निवासियों ने सरकार को किया था सचेत, नहीं हुई थी कोई कार्रवाई

BY: Priyanshi Singh • LAST UPDATED : January 8, 2023, 7:23 pm IST
ADVERTISEMENT

उत्तराखंड के जाने माने शहरों में से एक जोशीमठ सुर्खियों में है वजह है इस शहर में आई तवाही जो शायद इस शहर का नामों निशान मिटा दे। “डूबते शहर” जोशीमठ के निवासियों ने पिछले महीने तीन बार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा था, जिसमें उन्हें एनटीपीसी हाइडल परियोजना की सुरंगों में विस्फोटों के नतीजों के बारे में सचेत किया गया था. एनडीटीवी के पास वह पत्र मौजूद है.

इस शहर में एक किलोमीटर की दूरी पर निर्माणाधीन परियोजना से दिसंबर में हुए धमाकों के कारण जमीन हिल गई और घरों और सड़कों में शुरुआती दरारें दिखाई देने लगीं थीं. तब भयभीत निवासियों ने मुख्यमंत्री से कार्रवाई करने का आग्रह किया. हालांकि, कोई कार्रवाई नहीं की गई. जैसे-जैसे दरारें चौड़ी होती गईं, निवासियों ने तीन पत्र लिखे. प्रत्येक में तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता मांग थी. मगर स्थिति और बिगड़ गई, और अब जोशीमठ से 600 से अधिक परिवारों को निकाला जा रहा है. एक मंदिर ढह गया, और कई घरों में चौड़ी दरारें आ गईं.

बता दें वहां रह रहे लोगों का कहना है “हम पिछले साल से उत्तराखंड सरकार और डीएम से एनटीपीसी सुरंगों में हुए विस्फोटों पर ध्यान देने का अनुरोध कर रहे हैं. इसके कारण पूरे इलाके में कंपन होता था. जब हमारे घरों में पिछले साल दिसंबर में शुरुआती दरारें आनी शुरू हुईं, तो हमने कई पत्र सरकार को लिखे, लेकिन कभी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. डीएम ने एक बार दौरा किया, लेकिन संकट को हल करने के लिए कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई. अब हम उस बिंदु पर पहुंच गए हैं, जहां जोशीमठ किसी भी समय डूब सकता है.”

चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने स्वीकार किया कि निवासियों ने उन्हें और मुख्यमंत्री को लिखा, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि क्या करना है. उन्होंने यह भी कहा कि एनटीपीसी ने प्रशासन से कहा है कि वे सभी दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं. जिलाधिकारी ने कहा, “हां, निवासियों ने मुझे और सीएम को लिखा था. मैंने दिसंबर में भी क्षेत्र का दौरा किया था, लेकिन ईमानदारी से पता नहीं था कि क्या करना है. क्योंकि हमें पहले यह पता लगाने की जरूरत थी कि दरारें क्यों हो रही हैं. अन्यथा, हम बिना जाने कोई कार्रवाई करते को मामला उल्टा भी पड़ सकता था. इसलिए मैं कोई कार्रवाई नहीं कर सका.”

 

 

Tags:

joshimath sinking

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT