India News (इंडिया न्यूज), Bihar Caste Census Report : जिस खास चीज का इंतजार बिहार के सीएम नीतीश बाबू कर रहे थे वो घड़ी आ गई है। बिहार में हुए जातीय जनगणना की रिपोर्ट बिहार सरकार ने जारी कर दिए हैं। जिसके अनुसार सामान्य वर्ग की बात करें तो आबादी 15 प्रतिशत दर्ज की गई है। जाति आधारित जनगणना बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट था। जानकारी के लिए आपको बता दें कि आज यानि 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के जन्मदिन पर  मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने इस रिपोर्ट को जारी किया है। बात करें पिछड़ा वर्ग की तो इनकी आबादी 27 प्रतिशत आई है।  वहीं अनुसूचित जाति से करीब 20 फीसदी लोग बिहार में रहते हैं। आईए डालते हैं इस रिपोर्ट पर एक नजर हैं।

बता दें कि जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था। बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों ने मिलकर इसपर सहमति जताई थी। जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई गई। इस जनगणना के लिए 2 जून 2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी।

किस वर्ग में कितनी आबादी

जारी की गई सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में सामान्य वर्ग की आबादी 15.52 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग  27.12 प्रतिशत, ओबीसी वर्ग  36.1 प्रतिशत, अनूसूचित जाति 19.65 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति – 1.68 प्रतिशत बताया गया है। जिसमें राजपूत  3.45 प्रतिशत, ब्राह्मण 3.67 प्रतिशत, भूमिहार 2.89 प्रतिशत, कायस्थ – 0.60 प्रतिशत, यादव 14.26 प्रतिशत, कुरमी- 2.87 प्रतिशत, तेली- 2.81 प्रतिशत, मुसहर- 3.08 प्रतिशतल और सोनार-0.68 प्रतिशत शामिल हैं।

मुखिया का मैसेज

इसे लेकर प्रदेश के मुखीया नीतीश कुमार ने कहा कि आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई !

आंख मे धूल झोकने का काम

जारी की गॉई सर्वे रिपोर्ट को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि, “जातिगत गणना हास्यसपद है। इसे पेश करने से पहले लालू नीतीश ये बताते कि अब तक वो कितने गरीबों को रोजगार दे चुके हैं, नौकरी दे चुके हैं। आंख मे धूल झोकने वाली जाति गणना है। लालू नीतीश दोनों मिलकर भ्रम फैला रहे हैं।”

संख्या के आधार पर हिस्सेदारी

वहीं आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा, “आज गांधी जयंती पर इस ऐतिहासिक क्षण के हम सब साक्षी बने हैं। बीजेपी की अनेकों साजिशों, कानूनी अड़चनों और तमाम षड्यंत्र के बावजूद आज बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे को रिलीज किया। ये आंकड़े वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और तरक्की के लिए समग्र योजना बनाने एवं हाशिए के समूहों को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए नज़ीर पेश करेंगे। सरकार को अब सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो। केंद्र में 2024 में जब हमारी सरकार बनेगी तब पूरे देश में जातिगत जनगणना करवायेंगे और दलित, मुस्लिम, पिछड़ा और अति पिछड़ा विरोधी भाजपा को सता से बेदखल करेंगे।”