India News (इंडिया न्यूज),Bihar Reservation: बिहार सरकार द्वारा मंगलवार (07 नवंबर) को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान जातीय गणना (Caste Survey) से जुड़ी रिपोर्ट पेश की गई। इस सत्र के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में आरक्षण बढ़ाने के मुद्दे को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पिछड़े और अतिपिछड़े का आरक्षण बढ़ाना चाहिए। सत्र के दौरान कहा गया कि आरक्षण 50 की जगह 65 फीसद कर दिया जाए। वहीं ईडब्ल्यूएस के 10 फीसद देने की बात कही गई है। सीएम नीतीश के इस मागं पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपना बयान दिया है।
- आरक्षण 50 की जगह 65 फीसद कर दिया जाए
- नगर निकाय में भी 37 फीसदी को बढ़ाकर 50 फीसदी किया जाए
पंचायत और नगर निकाय में भी आरक्षण
उन्होंने कहा कि बीजेपी बिहार के सरकारी नौकरियों में आरक्षण 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी करने का समर्थन करती है। साथ ही उन्होंने कहा कि पंचायत और नगर निकाय में भी 37 फीसदी को बढ़ाकर 50 फीसदी किए जाने की जरुरत है। हालांकि सत्र के दौरान बीजेपी नेता प्रेम कुमार ने सीएण नीतीश के बयान के बीच अपने बात को रखने की कोशिश किया था। जिसपर नीतीश कुमार ने मजाकिया ढंग से कहा कि बैठिए न, आप हमारे मित्र हैं। मेरी भी बात तो सुन लीजिए।
जाति जनगणना कराने का दबाव
बता दें कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले लागातर आरक्षण की मांग बढ़ती जा रही है। साथ हीं विपक्षी पार्टियां सर्वे का डेटा रिलीज होने के बाद केंद्र सरकार पर जाति जनगणना कराने का दबाव भी बनाया जा रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी कई कार्यक्रमों में मोदी सरकार पर जाति जनगणना ना करवाने का आरोप लगाते रहे हैं। वहीं इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते 3 नवंबर को बयान दिया था कि हम वोटों की राजनीति नहीं करते। सभी के मतों के बाद उचित निर्णय लिया जाएगा।
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