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इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आज शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को जमानत दे दी। नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत दर्ज ड्रग्स के मामले में कथित तौर पर शामिल होने के आरोप में मजीठिया पिछले साल दिसंबर से जेल में बंद हैं। बता दें कि मजीठिया ऐसे समय जेल से रिहा हो रहे हैं, जब अकालियों में घमासान मचा हुआ है। पार्टी आलाकमान व खासकर बादल परिवार के खिलाफ इन दिनों बगावती माहौल बन रहा है।
पिछली कांग्रेस सरकार ने मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स का मामला दर्ज किया था। इसके बाद वह 24 फरवरी से पटियाला सेंट्रल जेल में बंद हैं। मामले को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था लेकिन वहां से उन्हें हाईकोर्ट जाने के आदेश दिए गए थे। न्यायमूर्ति एम एस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर की खंडपीठ ने 29 जुलाई को जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। शिअद के वरिष्ठ नेता फिलहाल पटियाला सेंट्रल जेल में बंद हैं और उन्होंने नियमित जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था।
गौरतलब है कि मजीठिया की नियमित जमानत पर सुनवाई के लिए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने पहले जस्टिस संदीप मौदगिल और जस्टिस एजी मसीह की बेंच बनाई थी। जस्टिस मसीह ने सुनवाई से इनकार कर दिया। इसके बाद जस्टिस अनूप चितकारा और जस्टिस राव की बेंच को केस भेजा गया। जस्टिस अनूप चितकारा ने भी सुनवाई से इनकार कर दिया था। अब जस्टिस रामचंद्र राव और जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर की बेंच ने मामले में सुनवाई कर जमानत दे दी।
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पिछले साल के अंत में मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी की अगुवाई वाली कांग्रेस की सरकार ने मजीठिया पर मामला दर्ज करवाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि मजीठिया चुनाव के लिए नशा तस्करों से पैसा लेते रहे हैं और दबाव से नशा दिलवाते भी थे। कनाडा के ड्रग तस्कर सतप्रीत सत्ता, मजीठिया की चंडीगढ़ व अमृतसर स्थित सरकारी कोठी में भी ठहरते रहे हैं। यह भी आरोप लगाए गए थे कि मजीठिया ने उसे गाड़ी व गनमैन भी दे रखा था। मजीठिया को नशा तस्करों के बीच समझौता कराने का भी आरोपी बनाया गया है।
कोर्ट ने जमानत देते हुए शर्तें लगाई हैं जिसके बारे में विस्तृत आर्डर अभी हाईकोर्ट से मिलेगा। वकील ने कहा, औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं और मजीठिया आज शाम को जेल से बाहर आ जाएंगे। मजीठिया के वकीलों ने कोर्ट में उनके मुवक्किल पर दर्ज मामले को राजनीतिक बदला बताया।
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