India News (इंडिया न्यूज़), BJP Demand to ECI, बेंगलुरु: बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने मांग रखी की कांग्रेस के सभी प्रत्याशियों का नामांकन रद्द किया जाए। उन्होंने चुनाव आयोग को लिखे अपने पत्र में कहा कि डी के शिवकुमार द्वारा जारी किए गए बी फॉर्म वाले किसी भी नामांकन को स्वीकार नहीं करना चाहिए। आरोप है की रिश्वत लेकर टिकट जारी किए गए और यह आचार संहिता का उल्लंघन है।
- 23 करोड़ की रिश्वत का आरोप
- आईपीसी की धारा 171सी के तहत अपराध
- नामांकन रद्द करने की मांग
शोभा करंदलाजे ने अपने पत्र में कहा कि कांग्रेस के 1350 टिकट उम्मीदवारों से लगभग 23 करोंड़ रुपए की वसूली की गई। यह भारतीय दंड संहिता की धारा 171सी के तहत अपराध है। साथ ही यह जनप्रतिनिधी कानून की धारा 79 का उल्लघंन है।
क्य कहता है धारा 171सी?
- 1. जो कोई स्वेच्छा से हस्तक्षेप करता है या किसी चुनावी अधिकार के मुक्त प्रयोग में हस्तक्षेप करने का प्रयास करता है, वह चुनाव में अनुचित प्रभाव का अपराध करता है।
- 2. उप-धारा (1) के प्रावधानों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, जो-
- (ए) किसी भी उम्मीदवार या मतदाता या किसी भी व्यक्ति जिसमें उम्मीदवार या मतदाता रुचि रखते हैं, को किसी भी प्रकार की चोट की धमकी देता है, या
- (बी) किसी उम्मीदवार या मतदाता को यह विश्वास दिलाने के लिए प्रेरित करता है या प्रेरित करने का प्रयास करता है कि वह या कोई भी व्यक्ति जिसमें वह रुचि रखता है, दैवीय नाराजगी या आध्यात्मिक निंदा का पात्र बन जाएगा या बनाया जाएगा,
- उप-धारा (1) के अर्थ के भीतर ऐसे उम्मीदवार या मतदाता के चुनावी अधिकार के मुक्त प्रयोग में हस्तक्षेप करने वाला माना जाएगा।
- 3. चुनावी अधिकार में हस्तक्षेप करने के इरादे के बिना सार्वजनिक नीति की घोषणा या सार्वजनिक कार्रवाई का वादा या मात्र अभ्यास या कानूनी अधिकार, इस खंड के अर्थ के भीतर हस्तक्षेप नहीं माना जाएगा।
जनप्रतिनिधी कानून की धारा 79
चुनावी अधिकार” का अर्थ है किसी व्यक्ति के उम्मीदवार के रूप में खड़े होने या न खड़े होने, या [वापसी लेने या वापस न लेने], या किसी चुनाव में मतदान करने या मतदान से परहेज करने का अधिकार।
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