संबंधित खबरें
Jammu and Kashmir: बडगाम में खाई में गिरी BSF जवानों की बस, 4 जवान शहीद, 32 घायल
मेरठ में बड़ा हादसा, तीन मंजिला मकान गिरने से कई घायल, मलबे में दबे पशु
किस दिन होगा केजरीवाल की किस्मत का फैसला? इस घोटाले में काट रहे हैं सजा
No Horn Please: हिमचाल सरकार का बड़ा फैसला, प्रेशर हॉर्न बजाने पर वाहन उठा लेगी पुलिस
Himachal News: बेरोजगार युवाओं के लिए अच्छे दिन! जानें पूरी खबर
Rajasthan: चेतन शर्मा का इंडिया की अंडर-19 टीम में चयन, किराए के मकान में रहने के लिए नहीं थे पैसे
इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : गुजरात विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी बीजेपी को बंपर जीत मिली है। इससे पहले बीजेपी ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भी लगातार दूसरी बार जीत हासिल की थी। इन दोनों राज्यों के चुनाव में एक चीज दोहराई गई, वो यह है कि दोनों ही राज्यों में बीजेपी ने अपने मुख्यमंत्री को बदल दिया था। हिमाचल प्रदेश में बीजेपी ने सीएम नहीं बदला और वह मामूली अंतर से ही सही लेकिन चुनाव हार गई। बीजेपी ने कर्नाटक और त्रिपुरा में भी अपने मुख्यमंत्रियों को 5 साल के कार्यकाल से पहले ही बदल दिया है। अब देखना होगा कि अगले विधानसभा चुनाव में इन दोनों राज्यों में बीजेपी को इसका फायदा मिलता है या विपक्षी पार्टियां वापसी करने में कामयाब होती है।
ज्ञात हो, साल 2014 में नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने। 2014 से 2022 के बाद से भूपेंद्र पटेल तीसरे मुख्यमंत्री हैं। आनंदी बेन पटेल और विजय रुपाणी अपना कार्यकाल नहीं पूरा कर पाए। साल 2017 में गुजरात का विधानसभा चुनाव विजय रुपाणी की अगुवाई में लड़ा गया, बीजेपी जीती तो विजय रुपाणी को सीएम बनाया गया। सितंबर 2021 में विजय रुपाणी के साथ पूरे मंत्रिमंडल की विदाई हो गई। बीजेपी ने भूपेंद्र पटेल को सीएम बना दिया। एक साल बाद ही हुए चुनाव में भूपेंद्र पटेल की सरकार रिपीट हो रही है। इसी के साथ बीजेपी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं। इसका मतलब साफ है कि गुजरात में बीजेपी ने दो चुनावों से पहले सीएम बदले और दोनों बार उसे जीत हासिल हुई।
आपको जानकारी दें, उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 में बीजेपी ने जीत हासिल की तो त्रिवेंद्र सिंह रावत को सीएम बनाया गया। लगभग चार साल तक सीएम रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री के पद से चुनाव से ठीक एक साल पहले हटा दिया गया। उनकी जगह आए तीरथ सिंह रावत विधानभा के सदस्य नहीं थे। 6 महीने में उनके लिए ज़रूरी था कि वह किसी सदन के सदस्य बनें। बीजेपी ने किसी सीट पर उपचुनाव का रिस्क लेना सही नहीं समझा और जुलाई 2021 में तीरथ सिंह रावत को हटाकर पुष्कर सिंह धामी को सीएम बना दिया। नतीजा ये रहा विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में ही लड़ी गई और उसे आराम से जीत मिल गई। यहां भी उसका सीएम बदलने का दांव कामयाब रहा और सरकार बरकरार रही।
ज्ञात हो, लेफ्ट को बुरी तरह हराकर बीजेपी ने त्रिपुरा में साल 2018 में पहली बार सरकार बनाई। चुनाव के समय बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे बिप्लब देब को मुख्यमंत्री बनाया गया। बिप्लब देब 4 साल 2 महीने तक मुख्यमंत्री रहे। चुनाव में 10 महीने बाकी थे और बीजेपी ने माणिक साहा को सीएम बना दिया। अब बीजेपी के नेता बार-बार दोहरा रहे हैं कि माणिक साहा की अगुवाई में ही विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा. यहां देखना यह होगा कि बीजेपी का दांव त्रिपुरा में कितना कारगर होगा।
वहीँ, कर्नाटक में जेडी (एस) और कांग्रेस गठबंधन में जोड़तोड़ के बाद बीजेपी ने जब सरकार बनाई तो उसके सबसे बड़े नेता बी एस येदियुरप्पा सीएम बनाए गए। अचानक बीजेपी ने साल 2021 के जुलाई महीने में येदियुरप्पा से भी इस्तीफा ले लिया और बसवराज बोम्मई को सीएम बना दिया। कई बार चर्चाएं हुईं कि बसवराज बोम्मई को भी सीएम पद से हटाया जा सकता हैं लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। जानकारी दें, मार्च-अप्रैल 2023 में कर्नाटक विधानसभा के चुनाव होने हैं। बीजेपी नेताओं की मानें तो अब बदलाव नहीं होगा और पार्टी बसवराज बोम्मई की अगुवाई में ही चुनाव में उतरेगी।
अब उत्तराखंड, गुजरात के बाद कर्नाटक और त्रिपुरा जैसे राज्यों में यह देखना होगा कि बीजेपी का यह दांव कारगर होता है कि नहीं। जानकारी दें, कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी लगातार मेहनत कर रही है। वहीं, त्रिपुरा में लेफ्ट के अलावा ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने भी खुद को मजबूत करना शुरू कर दिया है। ऐसे में देखना यह होगा कि क्या बीजेपी इन राज्यों में भी सीएम बदलकर जीत हासिल कर पाती है या नहीं।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.