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India News(इंडिया न्यूज),Black Hole: हमारे ब्रह्मांड में अनेकों रहस्य छिपे हैं। समय-समय पर इन रहस्यों से परदा उठता रहता है। ब्लैक होल को लेकर भी आपने कई कहानियां सुनी होंगी। इसे लेकर कई खुलासे हुए हैं। धीरे-धीरे वैज्ञानिकों को इस क्षेत्र के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिलने लगी हैं। हाल ही में एक स्टडी में ब्लैक होल के रोटेशन को लेकर कई खुलासे किए गए हैं। वैज्ञानिक पहले ब्लैक होल के घूर्णन को लेकर अंदाजा लगा चुके हैं। अब शोधकर्ताओं को ब्लैक होल के घूर्णन का सीधा या प्रत्यक्ष प्रमाण मिल गया है।
ब्लैक होल के बारे में आए दिन नए-नए खुलासे होते रहते हैं। हाल ही में शोधकर्ताओं ने दो दशक के टेलीस्कोप के आंकड़ों के जरिए पास की रेडियो गैलेक्सी एम-87 के सेंटर में घूमती हुई जेट को देखा है जो ब्लैक होल के घूमने का सीधा या प्रत्यक्ष प्रमाण देता है।
नेचर पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। ब्लैक होल को लेकर किए गए इस अध्ययन की अगुआई डॉ सीयूआई यूझू ने की। वैज्ञानिकों की टीम ने विश्व भर के रेडियो टेलीस्कोप का उपयोग करके ब्लैक होल के घूमने का प्रमाण जुटाया है। एम-87 गैलेक्सी पृथ्वी से 5.5 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है। दोनों के बीच एक विशालकाय ब्लैक होल है। इसका वजन करीब 6.5 करोड़ सूर्यों के भार के बराबर है। अब आप इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि ये कितना बड़ा और विशाल होगा।
एम-87 गैलेक्सी में वैज्ञानिकों को एक घूमती हुई जेट दिखाई दी। इसका घुमाव ऊपर से नीचे की ओर 10 डिग्री था. इस जेटे ने यह प्रमाण दिया कि ब्लैक होल भी चक्कर (रोटेट) लगाता है। इस पूरे दृश्य को देखने के लिए वैज्ञानिकों ने साल 2000 से लेकर 2022 तक के टेलिस्कोप के आंकड़ों का विश्लेषण किया। इसकी मदद से उन्होंने जेट बेस की प्रिसेशनल गतिविधि के 11 वर्षीय चक्र के राज को उजागर किया।
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