संबंधित खबरें
Jaipur Engineer Suicide: ससुराल वालों के डर से इंजीनयर ने मौत को लगाया गले, मरने से पहले MAA से मांगी माफी
Give Up Abhiyan: सावधान! 31 जनवरी तक अगर नहीं हटवाया इस योजना से अपना नाम तो होगी कानूनी कार्रवाई
Madhya Pradesh News: नींद में था परिवार, तभी झोपड़ी में लगी आग, 3 लोग जलकर हुए राख
Vinay Saxena Vs Atishi: आखिर ऐसा क्या हुआ! जो CM आतिशी ने LG को कहा धन्यवाद
Fake army officer: सेना का फर्जी अफसर बन विदेशी महिला के साथ कांड…फिर शर्मसार हुई ताज नगरी
UP News: अखिलेश यादव ने खेला बड़ा दाव, घर-घर पहुंचा PDA का पर्चा, अंबेडकर विवाद में नया मोड़
इंडिया न्यूज, New Delhi News। Supertech Twin Tower Demolition : सुपरटेक ट्विन टावर डेमोलिशन भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण घटना के रूप में अंकित हो गया है। यह उत्तर प्रदेश के नोएडा में अवैध इमारतों को ढहाने के लिए सबसे बड़ा कंट्रोल ब्लास्ट था। एडिफिस कंपनी ने 3,700 किलोग्राम विस्फोटक की मदद से रविवार दोपहर को इन टावरों को धराशायी कर दिया। कंपनी के ब्लास्टर चेतन दत्ता ने इन टावरों को गिराने के लिए रिमोट कंट्रोल का बटन दबाया था।
बता दें कि सुपरटेक के ट्विन टावर्स गिराने का जिम्मा संभाल रही एडिफिस कंपनी के ब्लास्टर चेतन दत्ता ने बताया कि डिमोलिशन शत-प्रतिशत सफल रहा। पूरी बिल्डिंग को गिराने में 9-10 सेकेंड का समय लगा। जैसा हमने सोचा था बिल्कुल वैसे ही परिणाम आए। हम 5 लोग टावर से बस 70 मीटर की दूरी पर थे। दत्ता ने बताया कि मेरी टीम में 10 लोग थे। इसके साथ ही 7 विदेशी विशेषज्ञ और एडिफिस इंजीनियरिंग के 20-25 लोग भी मौके पर मौजूद थे।
चेतन दत्ता ने बताया कि डेमोलिशन के बाद वह चार अन्य लोगों के साथ घटनास्थल पर थे, जो काम की सफलता पर खुशी से रोने लगे। दत्ता ने कहा कि सायरन बजाने के आधे घंटे पहले से हम 5 लोग आपस में कोई बात नहीं कर पा रहे थे, बस एक दूसरे के चेहरे देख रहे थे। उनकी टीम के सदस्यों ने एक दूसरे से एक शब्द भी नहीं कहा। उन्होंने बताया कि धमाके से एक दिन पहले वो पूरी रात ढंग से नहीं सो पाए थे।
बता दें कि नोएडा के सेक्टर 93ए में सुपरटेक के लगभग 100 मीटर ऊंचे ट्विन टावरों को रविवार दोपहर ढहा दिया गया। अवैध रूप से निर्मित इन इमारतों को ढहाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साल भर बाद यह कार्रवाई की गई। कुतुब मीनार से भी ऊंचे गगनचुंबी ट्विन टावर को ‘वाटरफॉल इम्प्लोजन’ तकनीक की मदद से गिराया गया।
इमारतों को ध्वस्त करने के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया। अनुमान के मुताबिक, ट्विन टावर को गिराने के बाद इससे उत्पन्न हुए 55 से 80 हजार टन मलबा हटाने में करीब तीन महीने का समय लगेगा।
इन ढांचों को ध्वस्त किए जाने से पहले इनके पास स्थित दो सोसाइटी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के करीब 5,000 लोगों को वहां से हटा दिया गया। इसके अलावा, करीब 3,000 वाहनों तथा बिल्ली और कुत्तों समेत 150-200 पालतू जानवरों को भी हटा दिया गया था।
ट्विन टावर को गिराने का कार्य करने वाली कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग के एक अधिकारी ने बताया कि एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी के आसपास मौजूद आवासीय इमारतों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। एडिफिस, दक्षिण अफ्रीका की जेट डिमॉलिशन्स, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) और नोएडा के अधिकारी ट्विन टावर के पास स्थित दो सोसाइटी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज की इमारतों का संरचनागत विश्लेषण कर रहे हैं।
आपको बता दें कि मुंबई की एडिफिस इंजीनियरिंग को 28 अगस्त को ट्विन टावर को गिराने का काम सौंपा गया था। कंपनी ने इस जोखिम भरे कार्य के लिए दक्षिण अफ्रीका की जेट डिमॉलिशन्स के साथ एक करार किया था। शीर्ष न्यायालय द्वारा सीबीआरआई को परियोजना के लिए तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किया गया था।
एडिफिस इंजीनियरिंग और जेट डिमॉलिशन्स ने इससे पहले 2020 में कोच्चि (केरल) स्थित मराडू कॉम्प्लेक्स को ढहाया था, जिसमें 18 से 20 मंजिलों वाले चार आवासीय भवन थे। वर्ष 2019 में जेट डिमॉलिशन्स ने जोहानिसबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) में बैंक आॅफ लिस्बन की 108 मीटर ऊंची इमारत को ढहाया था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2021 में ट्विन टावर को गिराने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जिले के अधिकारियों की सांठगांठ के साथ भवन नियमों का उल्लंघन किया गया।
ये भी पढ़ें : सांसद कार्तिक शर्मा का ऐलनाबाद में जोरदार अभिनंदन, जगह-जगह हुआ सम्मान
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.