ADVERTISEMENT
होम / Top News / अनिल देशमुख को बॉम्बे हाई कोर्ट ने दी जमानत, जाने इस केस से जुड़ी पूरी जानकारी

अनिल देशमुख को बॉम्बे हाई कोर्ट ने दी जमानत, जाने इस केस से जुड़ी पूरी जानकारी

BY: Priyanshi Singh • LAST UPDATED : October 4, 2022, 6:03 pm IST
ADVERTISEMENT
अनिल देशमुख को बॉम्बे हाई कोर्ट ने दी जमानत, जाने इस केस से जुड़ी पूरी जानकारी

मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है। उन्हें ईडी ने अरेस्ट किया था। उन्हें 1 लाख रुपये का मुचलका जमा कराने के बाद जमानत दी गई है। हालांकि बेल के बाद भी अनिल देशमुख जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। इसकी वजह यह है कि उनके खिलाफ सीबीआई ने भी केस दर्ज किया है और उस मामले में उन्हें जमानत नहीं मिली है। ऐसे में वह अब भी जेल में ही बने रहेंगे। लेकिन इस केस में बेल के बाद उनकी जेल से बाहर आने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि क्या देशमुख की दिवाली कैसी होगी? क्या देशमुख इस दीवाली जेल के सलाखों के अंदर होंगे या फिर बाहर अपने परिवार के साथ। आइए इस केश को थोड़ा विस्तार से जानते हैं।

क्या है पूरा मामल

ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में अनिल देशमुख को बीते साल 2 नवंबर को अरेस्ट किया था। पिछले साल मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री रहते हुए अनिल देशमुख ने एपीआई सचिन वाजे को ऑर्केस्ट्रा बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने के आदेश दिए थे। इस मामले की जांच CBI कर रही है।

बाद में ED ने भी इसकी जांच शुरू की। ED को जांच में मिला कि गृह मंत्री रहते हुए देशमुख ने अपने पद का दुरुपयोग किया और मंबई के ऑर्केस्ट्रा बार से 4.70 करोड़ रुपये की वसूली की। बाद में इस पैसे को उनके बेटे ऋषिकेश देशमुख ने दिल्ली की एक शेल कंपनी को कैश के रूप में ट्रांसफर किए। उसके बाद यही रकम श्री साईं शिक्षण संस्था को डोनेशन के रूप में मिली। इस संस्था को देशमुख परिवार चलाता है।

देशमुख की जमानत की अर्जी पर ईडी का पुरजोर विरोध

अनिल देशमुख की जमानत अर्जी का ईडी ने पुरजोर विरोध किया था. ईडी की तरफ से हाई कोर्ट में पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि जेल में बंद अनिल देशमुख को अगर जमानत दी जाती है तो इसका मतलब होगा कि महाराष्‍ट्र के पूर्व मंत्री PMLA के तहत मुख्य आरोपी ही नहीं हैं। उन्‍होंने दलील थी कि आर्थिक अपराध गंभीर है और यह देश की वित्तीय ताकत को प्रभावित करता है. ऐसे में जमानत देते वक्त अदालत को यह मानना होगा कि आरोपी बिल्कुल भी शामिल नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की तमाम दलीलों पर विचार करते राकांपा नेता की जमानत याचिका को स्‍वीकार कर लिया।

कौन हैं अनिल देशमुख

  • महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख शरद पवार की पार्टी एनसीपी के बड़े नेता हैं। करीब 70 साल के देशमुख नागपुर जिले के कटोल इलाके के रहने वाले हैं। महाराष्ट्र में भाजपा की सरकारों को छोड़ दें तो 1995 के बाद से अनिल देशमुख लगातार मंत्री रहे हैं। महाराष्ट्र की राजनीति में उनको कद्दावर नेताओं में गिना जाता है।
  • अनिल देशमुख ने 1995 में कटोल विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ा था, इस चुनाव में उनके जीत मिली। इसके बाद लगातार 1999, 2004, 2009 और 2019 में भी वो चुनाव जीते और विधानसभा पहुंचे। लेकिन 2014 में देशमुख हार का स्वाद चख चुके हैं।
  • 70 के दशक से ही राजनीति का सफर शुरू करने वाले देशमुख ने 1992 में जिला परिषद का चुनाव जीता था। 1995 में जब उन्होंने निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ा और जीता था। उस समय महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना की गठबंधन की सरकार थी। उस वक्त देशमुख गठबंधन सरकार के साथ हो लिए थे और गठबंधन की सरकार में पहली बार मंत्री बने और इनको स्कूली शिक्षा और सांस्कृतिक विभाग का कार्यभार सौंपा गया।
  • जब शरद पवार ने कांग्रेस को छोड़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन किया तो देशमुख ने इस पार्टी को ज्वॉइन कर लिया। अनिल देशमुख 2014 में महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनावों में हार गए लेकिन साल 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में वो फिर से जीते और महाराष्ट्र के गृह मंत्री बन गए।
  • लेकिन मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिहं ने अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की वसूली का आरोप लगाया था, जिसके लिए अनिल देशमुख को महाराष्ट्र के गृहमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

एंटीलिया केस से जुड़ी हैं जड़े

आखिरी में आपको ये जानना जरूरी है कि कहीं ना कहीं इस मामले की जड़े दुनिया के मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर रखी विस्फोटक छड़ों से जुड़े हैं। गौरतलब है एंटीलिया केस में परमबीर सिहं से अनिल देशमुख ने पुछ ताछ की थी। उसके बाद जब परमबीर सिहं को लगा कि अनिल देशमुख उनपर हावी हो रहे हैं तो उन्होने उनके सारे काले चिठे खोल दिए जिससे सबका फोकस उनसे हट कर अनिल देश मुख पर चला जाए और ऐसा हुआ भी। बता दें इसमें बर्खास्त अधिकारी सचिन वाझे का नाम भी सामने आया था। सचिन वाझे के खिलाफ एनआईए की ओर से एंटीलिया के बाहर विस्फोटक रखने के मामले में जांच की जा रही है। यह विस्फोटक रखने वाले मनसुख हिरेण की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई थी। बहराल अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस केश में अनिल देशमुख को जेल से बाहर आने की इजाजत मिलती है या नहीं।

ये भी पढें –  उत्तरकाशी में बर्फ के तूफान में फंसे 28 लोग, उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कही ये बात

 

 

 

 

Tags:

Anil DeshmukhAntiliaBJPBombay high courtMaharashtraNIAShiv senaShivsenaबीजेपीशिवसेनासामना

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT