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इंडिया न्यूज, New Delhi News। Death of Para Medical student in AIIMS : शनिवार को बीएससी पारा मेडिकल के छात्र की मौत के बाद दिल्ली के एम्स अस्पताल में पारा मेडिकल छात्रों के द्वारा जमकर हंगामा किया गया। इस दौरान छात्रों ने अस्पताल में विरोध प्रदर्शन भी किया। जिसके बाद एम्स की सिक्योरिटी और दिल्ली पुलिस के साथ छात्रों की झड़प भी हुई।
बता दें कि ये पूरा बवाल एक पारा मेडिकल के छात्र की मौत के बाद हुआ है। पारा मेडिकल के फर्स्ट ईयर के छात्र को होस्टल नहीं मिला था लिहाजा वह एस्से थोड़ी दूर किराए पर अकेले रह रहा था 11 अगस्त को दोपहर में उसे सांस लेने में काफी दिक्कत होने लगी उसने अपने बैच के कई दोस्तों को फोन किया लेकिन सभी लोग एम्स के क्लास रूम में थे।इसलिए उसके दोस्त टाइम पर नहीं पहुंच सके। काफी समय बाद एक दोस्त अभिषेक ऐम्स लेकर आया जहां पर उसे आईसीयू में एडमिट किया गया।
बता दें कि पारा मेडिकल के छात्रों ने एम्स प्रशासन पर कई तरह के संगीन आरोप लगाए हैं। छात्रों ने प्रदर्शन के दौरान कहा की एम्स प्रशासन पारा मेडिकल के छात्रों के साथ हॉस्टल के लिए सौतेला व्यवहार करता है।
अगर जो अभिषेक को हॉस्टल मिला होता तो वह वक्त रहते अस्पताल में पहुंच जाता और वह आज जिंदा होता छात्रों ने आरोप लगाया की अभिषेक ने एम्स में एंबुलेंस के लिए भी फोन किया था लेकिन क्योंकि वह हॉस्टल का छात्र था इसलिए एम्स प्रशासन द्वारा उसे एंबुलेंस की सुविधा नहीं दी गई।
वहीं छात्रों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब उसे खून की जरूरत थी तो उसे वक्त पर खून भी नही मिला। यह घटना 11 अगस्त की है एम्स में 3 दिनों के इलाज के बाद अभिषेक की 13 अगस्त को मौत हो गई अभिषेक के मौत के बाद से ही तमाम पारा मेडिकल के छात्रों ने डायरेक्टर आफिस के बाहर घंटो तक यह प्रदर्शन किया।
वहीं इस मामले में छात्र डायरेक्टर आफिस के बाहर पहुंच गए और उनसे मिलने की मांग की। काफी समय बीतने के बाद भी डायरेक्टर छात्रों से मिलने बाहर नहीं आया। वहीं इससे नाराज होकर सारे छात्र डायरेक्टर आफिस के बाहर धरने पर बैठ गए। जिसके बाद एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया मौके पर पहुंचे।
इस दौरान उन्होंने छात्र अभिषेक की मौत पर दुख जताया और छात्रों को आश्वासन दिया कि उनके हॉस्टल के लिए वह प्रयास करेंगे हालांकि एम्स के डायरेक्टर ने सिर्फ अपनी बातें कहीं और छात्रों की एक भी बात नहीं सुनी और वापस चले गए।
वहीं छात्र इसके बाद भी वहां से नहीं गए और उन्होंने डायरेक्टर आफिस के बाहर का धरना खत्म नहीं किया। खबर लिखे जाने तक भी प्रदर्शनकारी छात्र डायरेक्टर आफिस के बाहर ही डटे हुए थे। डायरेक्टर आफिस में छात्रों से बात करने के दौरान इस बात की पुष्टि हुई कि अभिषेक की मौत स्वाइन फ्लू और कोविड के कारण हुई है।
अपने बेटे की मौत के बाद अभिषेक के पिता भी इस घटना से काफी दुखी थे उन्होंने कहा कि अगर अभिषेक को एम्स के तरफ से हॉस्टल दे दिया गया होता तो शायद वो आज हमारे बीच होता।
अभिषेक की मौत स्वाइन फ्लू से होना अपने आप में अति संवेदनशील घटना है। ऐसे में देखना होगा एम्स प्रशासन इस मौत को लेकर क्या कार्रवाई करता है। वहीं नाराज छात्रों को लेकर एम्स प्रशासन की ओर से किसी तरह का सकारात्मक रवैया नहीं देखने को मिला। वहीं प्रशासन की तरफ से प्रदर्शनकारी छात्रों के न मानने पर थाने में शिकायत देने की तैयारी भी चल रही थी।
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